र्षों पहले गुन्नार मिर्डल ने ‘एशियन ड्रामा' में लिखा था- ‘औपनिवेशिक सत्ता-व्यवस्था के बिखराव और स्वतंत्र राष्ट्रीय राज्यों के स्वत: उभरने का यह अर्थ नहीं है कि इन भूतपूर्व उपनिवेशों में कोई बड़ा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन हो.' यह आज भी सच है. स्वतंत्र भारत में कोई बड़ा सामाजार्थिक परिवर्तन नहीं हुआ है. ब्रिटिश शासकों द्वारा निर्मित ढांचा, जिसे बदलने में नेहरू ने 1950-51 में अपनी असमर्थता प्रकट की थी और उस ‘साहस'...
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भूख की भाषा और शास्त्र - सुधीश पचौरी
जनसत्ता 30 मई, 2013: हमारे समकालीन सोच-विचार की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि ‘गरीब' के बारे में सिर्फ ‘अमीर' (इस प्रसंग में ‘एलीट') विचार करते हैं। गरीब अपनी गरीबी के बारे में विचार करता नहीं पाया जाता। अपने बारे में इस कदर ‘विचार विहीन' होने के बारे में भी गरीब कभी नहीं बोलता। यह बात भी अमीर ही बताते हैं कि गरीब अपनी गरीबी के बारे में इस कारण विचार...
More »मुद्रास्फीति आने वाले महीनों में और कम होगी: मोंटेक
नयी दिल्ली । मुद्रास्फीति के मार्च में तीन साल से अधिक समय के बाद छह फीसद से नीचे आने के बाद योजना आयोग ने आज भरोसा जताया कि मूल्य स्थिति आने वाले महीनों में और सुधरेगी। आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘तीन साल से अधिक अवधि में पहली बार इसका छह फीसद से नीचे आना बेहद महत्वपूर्ण है और मुझे उम्मीद है कि हमें...
More »कैबिनेट की बैठक, केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 80 फीसदी करने की तैयारी
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को सरकारी कर्मचारियों को तोहफा मिल सकता है. कैबिनेट महंगाई भत्ता (डीए) मौजूदा 72 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत किये जाने के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे सकता है. इस निर्णय से 50 लाख कर्मचारी और 30 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. एक सूत्र ने बताया, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल बैठक में महंगाई भत्ता 8 प्रतिशत बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने के वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार...
More »नकद पैसे का खेल- बनवारी
जनसत्ता 14 फरवरी, 2013: मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गरीबी एक आर्थिक और राजनीतिक समस्या के बजाय अब केवल वित्तीय समस्या रह गई है। केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता अब न बेरोजगारी है, न महंगाई। देश की इन दो सबसे बड़ी समस्याओं से मुंह चुराने का उसने एक आसान उपाय निकाल लिया है। देश के गरीब लोगों के हाथ में दमड़ी रख दो; इससे सरकार के कल्याणकारी...
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