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मतदान से पहले कितना सोचते हैं हम-- बीजू डॉमिनिक

क्या वोटिंग एक तर्कसंगत प्रक्रिया है? यदि ऐसा है, तब तो आम मतदाता अपने फैसले पर पहुंचने से पहले काफी सोच-विचार करता होगा। मसलन, उम्मीदवार किस पार्टी से हैं? साल 2014 में जो पार्टी सत्ता में आई थी, उसने क्या-क्या वादे किए थे? उनमें से कितने प्रतिशत वादे पूरे हुए? उन्होंने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा न कर पाने के लिए क्या उनके पास वाजिब वजहें हैं? किस पार्टी...

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एचआरडी का राष्ट्रीय प्राथमिकता के विषयों पर पीएचडी कराने का आदेश, केरल की प्रोफेसर का इस्तीफ़ा

नई दिल्लीः सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ केरल (सीयूके) के बोर्ड ऑफ स्टडीज ऑफ अंग्रेजी एंड कम्परेटिव लिटरेचर की एक सदस्य ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के एक आदेश के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन ने पीएचडी शोधार्थियों के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप शोध विषयों की एक सूची तैयार करने के संबंध में सभी विभागों को आदेश दिए हैं. यह निर्देश 13 मार्च...

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न्यूयॉर्क में सताती थी गांव की याद-- इल्मा अफरोज

मुरादाबाद के कुदंरकी गांव की रहने वाली इल्मा का बचपन खेत-खलिहान में अठखेलियां करते बीता। पापा किसान थे,मगर तालीम को लेकर बड़े संजीदा रहे। बेटी-बेटे में कोई फर्क नहीं किया। नन्ही इल्मा को किताबों से बड़ा प्यार था। स्कूल से लौटने के बाद खुद ही पढ़ने बैठ जाती। पापा को बेटी से स्कूल के किस्से सुनना बड़ा पंसद था। हर साल फसल बेचने के बाद वह सबसे पहले बेटी...

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आनंद तेलतुम्बड़े के समर्थन में आए 600 विदेशी शिक्षाविद

नई दिल्लीः सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद आनंद तेलतुम्बड़े के समर्थन में अमेरिका और यूरोप के 600 से अधिक शिक्षाविदों ने एक संयुक्त बयान जारी किया है, जिसमें भारत और महाराष्ट्र सरकार से तेलतुम्बड़े के खिलाफ कानूनी कार्रवाइयों को तुरंत बंद करने का आग्रह किया गया है. प्रिंस्टन, हार्वर्ड, कोलंबिया, येल, स्टैनफोर्ड, बर्कले, यूसीएलए, शिकागो, पेन, कॉर्नेल, एमआईटी, ऑक्सफोर्ड और लंदन स्कूल ऑफ कॉमर्स सहित उत्तरी अमेरिका, यूरोप के कई प्रमुख विश्वविद्यालयों...

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क्या कोका-कोला भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों को प्रभावित कर रहा है?

‘कोका-कोला कंपनी ने एक गैर-लाभकारी समूह के माध्यम से मोटापे पर चीन की सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों को नजरअंदाज कर दिया है. यह गैर-लाभकारी समूह पोषण पर काम करने वाले वैज्ञानिकों के साथ मिलकर सरकार की नीति को कंपनी के कॉर्पोरेट हितों के पक्ष में प्रभावित करने का काम करती है.' ऐसा कहना है हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुज़न ग्रीनहाल्ग का और ये चौंकाने वाले तथ्य पिछले महीने ब्रिटिश मेडिकल जर्नल और...

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