SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 341

भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें-- मोनिका शर्मा

नीति आयोग के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की ग्यारहवीं इंडिया करप्शन स्टडी-2017 की रिपोर्ट में सामने आया है कि भ्रष्टाचार का जाल आज भी आम आदमी के लिए मुसीबत बना हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल इकतीस फीसद लोगों को स्कूल, अदालत, बैंक या अन्य कामों के लिए दस रुपए से लेकर पचास हजार रुपए तक की रिश्वत देनी पड़ी है। आंकड़े बताते हैं कि 2005 में तिरपन...

More »

नीति आयोग का दृष्टिपत्र-- प्रसेनजित बोस

आधिकारिक आकलनों के अनुसार, 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) में भारतीय अर्थव्यवस्था की वार्षिक वृद्धि दर क्रमशः 7.2, 7.9 और 7.1 फीसदी रही है. हाल के दिनों में चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी के मद्देनजर भारत की मौजूदा सरकार के अंतर्गत देश को 'दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था' माना गया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने...

More »

लापरवाही: झारखंड में लाखों लोगों का आधार का डाटा सार्वजनिक हुआ

झारखंड सरकार की लापरवाही से राज्य में 10 लाख से अधिक लोगों का आधार डाटा सार्वजनिक हो गया है। राज्य के सामाजिक सुरक्षा विभाग की वेबसाइट की लापरवाही का बड़ा मामला समाने आया है।   झारखंड में कुल 16 लाख पेंशनर हैं, इनमें से 14 लाख लोगों ने अपने बैंक खाते को आधार से जोड़ दिया है। इन सभी लोगों की आधार की जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक हो गई है। इस वेबसाइट...

More »

जल्द मिले सस्ती औषधि की सौगात - डॉ एके अरुण

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया कि ऐसा कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा जिसके तहत चिकित्सकों को उपचार के लिए महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनेरिक दवाएं (जो मूल दवा है और सस्ती होती है) ही लिखनी होंगी। उल्लेखनीय है कि बेहद महंगी दरों पर मिलने वाली ब्रांडेड दवाएं मरीजों और उनके तीमारदारों की जेब पर इतनी भारी पड़ती हैं कि अधिकांश तो पर्याप्त मात्रा में दवाएं...

More »

गांधी की दृष्टि में गांव और किसान-- श्रीभगवान सिंह

महात्मा गांधी के विचारों और सोच के निर्माण में देश-विदेश के अनेक विचारकों, कवियों, लेखकों के साथ-साथ उनके अपने जीवनानुभवों का भी बहुत बड़ा हाथ रहा। इन जीवनानुभवों में अत्यंत महत्त्वपूर्ण रहा भारत में गांवों तथा किसानों के संबंध में उनके अनुभव। यह दीगर बात है कि उनके विचारों तथा कार्यों के मूल्यांकन के संदर्भ में इस पक्ष पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है। सर्वविदित है कि दक्षिण अफ्रीका...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close