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बोझमुक्त बस्ता एक अच्छा कदम-- अंबरीश राय

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने बच्चों के कक्षा-वर्ग के हिसाब से उनके बस्ते के वजन का जो मानक जारी किया है, यह एक अच्छा कदम तो है, लेकिन काफी देर से उठाया गया कदम है. बहुत पहले से ही इस कदम की प्रतीक्षा हो रही थी. साल 1993 में ही प्रो यशपाल की देख-रेख में बनी यशपाल कमेटी ने यह सिफारिश की थी कि बच्चों की पीठ उनके...

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किसके कब्जे में हैं विश्वविद्यालय-- रविभूषण

इस वर्ष आठ फरवरी को पंकज चंद्रा (कुलपति, अहमदाबाद विवि) की पुस्तक 'बिल्डिंग यूनिवर्सिटीज दैट मैटर: ह्वेयर आर इंडियन इंस्टीट्यूशंस गोइंग रॉन्ग' ओरिएंट ब्लैकवासन से प्रकाशित हुई है. भारतीय विश्वविद्यालयों की कार्य-पद्धति को समझने के लिए और क्या उसे बदलने की जरूरत भी है, इसे जानने-समझने के साथ इस पर विचार करने के लिए यह एक जरूरी पुस्तक है, जिसे प्रत्येक विवि के कुलपति और उसके प्रमुख अधिकारियों को...

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मी टू अभियान: यौन हिंसा की पीड़ित महिलाएं इतनी देर चुप क्यों रहीं, पढ़िए इस न्यूज एलर्ट में

क्या आप भारत में किसी आंधी की तरह दस्तक दे चुके मी टू अभियान की ‘आपबीतियों' को गौर से पढ़ रहे हैं ? और, क्या आपको भी यह सवाल परेशान कर रहा है कि यौन-दुर्व्यवहार की ‘आपबीती' सुनाने में में इस अभियान की पीड़ित महिलाओं ने इतनी देर क्यों की? मी टू अभियान को लेकर आपके ऐसे कई सवालों का संभावित जवाब एक सरकारी दस्तावेज में दर्ज है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (एनएफएचएस-4) के तथ्य संकेत करते...

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बात पशुओं के अधिकारों की भी हो- विजय गोयल

कुछ समय पहले खबर आई कि इंदौर की पॉश कॉलोनी में एक तेंदुआ घुस आया, जिसने कई लोगों को घायल कर दिया। ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ, विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों द्वारा शहर में आकर उत्पात मचाने की खबरें आती रहती हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? शेर, बाघ, तेंदुआ, भालू और हाथी जैसे जंगली जानवर शहरों में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं और कई बार भीड़...

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तेजी से घटी है गरीबी मगर भारत में गरीबों की तादाद अब भी सबसे ज्यादा- एमपीआई रिपोर्ट

एक दशक के भीतर भारत में गरीबों की संख्या घटकर आधी रह गई है लेकिन अब भी दुनिया के गरीब लोगों की सबसे बड़ी तादाद भारत में मौजूद है. ये निष्कर्ष है हाल ही में जारी साल 2018 के ग्लोबल मल्टीडायमेंशनल पावर्टी इंडेक्स(एमपीआई) रिपोर्ट का.   रिपोर्ट के मुताबिक भारत में साल 2005/6 से 2015/16 के बीच भारत में गरीबी की दर 55 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गई है. एक दशक...

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