डोरीगंज [सारण, श्रीराम तिवारी]। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका अब काफी सराहनीय हो गई है। अब महिलाएं पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल ही नहीं रही वरन उन्हें रास्ता भी दिखा रही है। सदर प्रखंड अंतर्गत खलपुरा पंचायत की मुस्लिम परिवार की महिलाएं जो मानस संस्था द्वारा गठित समूहों में चूड़ी फरोश महिला मंडल की महिलाएं पहले तीन वर्ष पूर्व तक महाजनों से कर्ज लेकर फेरी कर काम...
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महिलाओं ने पुरुषों को दिखाई राह, बदली तकदीर
डोरीगंज [सारण, श्रीराम तिवारी]। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका अब काफी सराहनीय हो गई है। अब महिलाएं पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल ही नहीं रही वरन उन्हें रास्ता भी दिखा रही है। सदर प्रखंड अंतर्गत खलपुरा पंचायत की मुस्लिम परिवार की महिलाएं जो मानस संस्था द्वारा गठित समूहों में चूड़ी फरोश महिला मंडल की महिलाएं पहले तीन वर्ष पूर्व तक महाजनों से कर्ज लेकर...
More »अच्छे मानसून से काबू में आएगी महंगाई
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आसमान छूते खाद्य उत्पादों के दामों को जमीन पर लाने के लिए आपको यह दुआ करनी होगी कि इस बार मानसून समय पर आए और झमाझम बरसे। यह बात हम नहीं वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी कह रहे हैं। महंगाई को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से लगातार आरोप झेल रहे वित्त मंत्री ने इस पर चिंता जताई और मानसून के ठीक रहने की 'शर्त' पर इसे काबू में करने का भरोसा भी...
More »बुद्धि की मंदी है : मुद्दों का न होना- पी साईनाथ
कम-से-कम दो प्रमुख अखबारों ने अपने डेस्कों को सूचित किया कि 'मंदी' (recession) शब्द भारत के संदर्भ में प्रयुक्त नहीं होगा। मंदी कुछ ऐसी चीज है, जो अमेरिका में घटती है, यहां नहीं. यह शब्द संपादकीय शब्दकोश से निर्वासित पडा रहा. यदि एक अधिक विनाशकारी स्थिति का संकेत देना हो तो 'डाउनटर्न' (गिरावट) या 'स्लोडाउन' (ठहराव) काफी होंगे और इन्हें थोडे विवेक से इस्तेमाल किया जाना है. लेकिन मंदी को नहीं. यह मीडिया के दर्शकों के...
More »अपने देश में कोई मध्यवर्ग ही नहीं!
नई दिल्ली। अपने देश के जिस मध्यवर्ग को केंद्र में रखकर देसी-विदेशी कंपनियां अपने माल की बिक्री की रणनीति बनाती आई हैं, उसका अस्तित्व ही नहीं है। जिस मध्यवर्ग को राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है और जो बड़े-बड़े बदलावों का माध्यम बनता रहा है, उसे अपने देश में ढूंढ़ना बेकार है। भारत जैसे विकासशील देशों में मध्यवर्ग के लिए गढ़ी गई नई अंतरराष्ट्रीय परिभाषा के आधार पर यह...
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