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‘मेक इन इंडिया’ से ज्यादा जरूरी है मेक फॉर इंडिया

उद्योग जगत और बाजार को बजट से अनेक अपेक्षाएं हैं. आर्थिक सुधारों को तेज करने, देश के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ाने और निवेश में वृद्धि के सरकार के वादों और इरादों की प्रस्तुति बजट में हो सकती है. सरकार के सामने अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करने, रोजगार बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने की चुनौतियां हैं. सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदमों और संभावित तथा वांछित पहलों पर जानकारों की...

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महंगी पड़ेगी मुफ्तखोरी की राजनीति - हृदयनारायण दीक्षित

धनार्जन बहुत कठिन नहीं होता, लेकिन खर्च की प्राथमिकता तय करना बहुत कठिन है। राजकोष राष्ट्रीय संपदा है। भारत के लोगों की श्रम साधना से संचित निधि। इसका विनियोग-सदुपयोग राष्ट्रीय विकास के लिए ही किया जाना चाहिए। संविधान निर्माताओं ने बहुमत प्राप्त सरकार को भी मनमाने खर्च की छूट नहीं दी। संसद और विधानमंडल आय और व्यय के प्रत्येक बिंदु पर विचार करते हैं, बजट पारित करते हैं। खर्च अधिकार...

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एनजीटी की आपत्ति के बाद भी कोल ब्लॉक का आवंटन

रायपुर (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक के आवंटन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जिन कोल ब्लॉक को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी, अब कोल मंत्रालय उन कोल ब्लॉक का आवंटन करने की तैयारी में है। एनजीटी ने परसा ईस्ट और केटे बासन कोल ब्लॉक में पर्यावरण स्वीकृति में गड़बड़ी के कारण आपत्ति लगाई थी। इसके साथ ही तारा कोल ब्लॉक के आवंटन पर भी सवाल खड़ा किया था। अब कोल...

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2022 तक अमेरिकी कंपनिया भारत को देंगी 20,000 मेगावाट ऊर्जा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश में वैकल्पिक ऊर्जा को गति देने की कोशिशों के लिए बड़ी खबर है। अमेरिका की सनएडिसन और फर्स्ट सोलर भारत में 2022 तक 20,000 मेगावाट से अधिक स्वच्क्ष उर्जा का उत्पादन करेगी। रविवार को देश में पहली रिन्यूएबल एनर्जी कांफ्रेस की शुरुआत में अमेरिकी कंपनियों ने इस प्लान की घोषणा की। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने साल 2022 तक विदेशी निवेशकों की मदद से देश...

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चार साल के निचले स्तर पर चीनी की कीमतें,बढ़ी इंडस्ट्री की दिक्कतें

देश में चीनी की कीमतें करीब चार साल के निचले स्तर पर हैं। पश्चिम बाजार (महाराष्ट्र) में चीनी S 30 क्वालिटी के भाव 2350 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं, जो पिछले कई वर्षों का निचला स्तर है। चीनी की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण मिलों पर गन्ना किसानों के भुगतान का दबाव है। साथ ही इस साल भी चीनी का उत्पादन मांग से ज्यादा होने की संभावना...

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