सेंट लुईस, [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। आधुनिक तकनीकी के बल पर दुनिया के ज्यादातर देशों ने नई हरित क्रांति का बिगुल फूंक दिया है। कृषि वैज्ञानिकों की मौन लड़ाई खेती पर आने वाली आपदाओं को जीत रही है। नतीजतन, बिना सिंचाई के ही कीटमुक्त पौधों के जरिये फसलों की उत्पादकता को कई गुना तक बढ़ाना संभव हो गया है। भारत जैसे देश की खेती के लिए बायो टेक्नोलॉजी बेहद मुफीद...
More »SEARCH RESULT
बदलाव की गुमनाम बयार- निराला
बिहार की राजधानी पटना में कुछ युवा चुपचाप दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. निराला की रिपोर्ट. अगर आप पटना के किसी शख्स से वहां के युवाओं के बारे में जानना चाहेंगे तो उसके मन में इन युवाओं की कई स्मृतियां मिलेंगी. मसलन सड़कछाप युवकों की टोलियां जो लहरिया कट (बाइक को इधर-उधर नचाकर चलाना) में हुड़दंग मचाते हुए राह चलते लोगों को...
More »यौन हिंसा की जड़ें- रुचिरा गुप्ता
जनसत्ता 4 सितंबर, 2013 : कुछ दिन पहले जब मैंने मुंबई में एक तेईस वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ बलात्कार की घटना के बारे में पढ़ा, तो कुछ पुरानी घटनाएं सामने घूमने लगीं। यानी फिर से वही सब! करीब उनतीस साल की उम्र में छह दिसंबर, 1992 को जब मैं एक रिपोर्टर की हैसियत से उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना की खबर जुटा रही थी तो मुझ...
More »40 देशों में राजनीतिक दल करते हैं आय का खुलासा
नई दिल्ली। फ्रांस, इटली, जर्मनी और जापान सहित 40 देशों में राजनीतिक दलों को कानून के तहत अपनी आय का स्रोत, संपत्तियों और देनदारियों का अन्य रिकार्ड के साथ खुलासा करना होता है। एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। कामनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनीशिएटिव (सीएचआरआइ) की रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन और तुर्की जैसे देशों में राजनीतिक दलों में स्वैच्छिक व्यवस्था है जिसमें वे अपने रिकार्ड सार्वजनिक करते हैं। इन देशों...
More »आपला मानूस बाकी सब मनहूस- रविदत्त वाजपेयी
खाड़ी देशों में तेल के अकूत भंडार की खोज और सारे विश्व में इस तेल की असीमित मांग के बाद से अरब देशों के आर्थिक स्वरूप में विस्मयकारी परिवर्तन हुआ. साथ ही इन देशों में काम इतना बढ़ा कि सारी दुनिया से लोगों को यहां रोजगार मिलने लगा. खाड़ी के सबसे बड़े देश सऊदी अरब में भी शुरुआती दिनों में तेल खनन व शोधन के लिए विदेशी विशेषज्ञों और अमीरी बढ़ने...
More »