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जिले के कोयला खदान हथियाने की होड़

सुंदरगढ़ जिले के कोयला खदानों को हथियाने के लिए सरकारी व गैर सरकारी कंपनियों में होड़ मची है। अब तक दस कंपनियों का नाम सामने आया है। कोयला खनन से चार हजार हेक्टेयर कृषि और 15 हजार हेक्टेयर कृषि जमीन समेत कुल 25 हजार हेक्टेयर जमीन प्रभावित होगी। परिवहन व खनन क्षेत्र में कुछ बेरोजगार युवकों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। सुंदरगढ़ जिले के हेमगिर, लेफ्रीपड़ा, टांगरपाली एवं सुंदरगढ़...

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मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी न मिलने से रोष

सुंदरगढ़: टांगरपाली ब्लाक के अन्तर्गत विभिन्न गांवों में महात्मा गांधी निश्चित ग्रामीण रोजगार योजना, मनरेगा में नियोजित ग्रामीणों को सही वक्त पर मजदूरी न मिलने से उनमें रोष देखा जा रहा है। इसके प्रति ब्लाक प्रबंधन की ओर से भी ध्यान न देना आश्चर्य का विषय बना हुआ है। टांगरपाली ब्लाक के अन्तर्गत महुलपाली, तसलाडीही, रेमणा, उज्जवलपुर तथा टांगरपाली पंचायत में मनरेगा योजना के तहत विभिन्न विकास परियोजनाओं का काम हुआ...

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सूखा पीड़ितों में बांटने के लिए मंगाये गए नौ हजार चूजे गायब

महोबा। उत्तर प्रदेश में महोबा जिले में सूखा पीडितों को वितरित किये जाने के लिए मंगाये गए करीब नौ हजार से अधिक मुर्गी के चूजे बगैर आमद कराये रहस्यमय ढंग से गायब हो जाने से पशुपालन विभाग में हडकम्प मचा है। सूत्रों के अनुसार जिले में नौ हजार पचास मुर्गी के चूजे कुक्कुट पालन के तहत बेरोजगारों को रोजगार देने की मंशा से मंगाये गए थे। सूखा पीडित बुन्देलखण्ड को मदद के लिए...

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बदल रहे हैं, गांव, देहात और जंगल- हरिवंश

फ़रवरी 2008 में चतरा के नक्सल दृष्टि से सुपर सेंसिटिव गांवों में जाना हुआ. साथ के मित्रों के भय और आशंका के बीच, देर शाम तक घूमना हुआ. सूनी सड़कों पर मरघट की खामोशी के बीच. तब तक लिखा यह अनुभव भी छपा नहीं. पाठक पढ़ते समय ध्यान रखें यह फ़रवरी 2008 में लिखी गयी रपट है. कभी डालटनगंज-चतरा के इन इलाकों में खूब घूमना हुआ. समाजवादी चिंतक, अब बौद्ध अध्येता व...

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जन्म से बंधी सामाजिक बेड़ियां : हर्ष मंदर

लाखों महिलाएं, पुरुष और बच्चे आज भी उन अपमानजनक सामाजिक बेड़ियों में बंधे हुए हैं, जो उनके जन्म से ही उन पर लाद दी गई थीं। आधुनिकता की लहर के बावजूद आज भी भारत के दूरदराज के देहातों में जाति व्यवस्था जीवित है। यह वह व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति के जाति विशेष में जन्म लेने के आधार पर ही उसके कार्य की प्रकृति या उसके रोजगार का निर्धारण कर...

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