शायद यह अतिरंजना हो, लेकिन पश्चिमी मीडिया में थॉमस पिकेटी को नया कार्ल मार्क्स कहा गया है। ऐसा उनके प्रशंसकों ने तो संभवतः कम कहा है, लेकिन उन लोगों को उनमें मार्क्स की छाया ज्यादा नजर आई है, जो गैर-बराबरी का मुद्दा उठते ही खलबला जाते हैं। उनकी परेशानी का सबब यह है कि पिकेटी ने अपनी बहुचर्चित किताब 'कैपिटल इन ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी' में आमदनी और धन की विषमता को...
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प्री-मानसून का असर हो सकता है कपास, मूंग और मक्का की फसल पर
मानसून आने से 1 महीने पहले ही बारिश शुरू हो गई है, ऐसे में खरीफ फसलों को नुकसान हो सकता है। मई महीने की शुरुआत से ही दक्षिण भारत में जोरदार बारिश हो रही है, ऐसे में फसल की बुआई के समय होने वाली बारिश में कमी आ सकती है। जानकारों का मानना है कि प्री-मानसून के चलते खरीफ फसल की बुआई का रकबा और उत्पादन घट सकता है,...
More »बेमौसम बारिश के चलते गेहूं के दामों में आ सकती है तेजी
आने वाले दिनों में हाजिर बाजार में गेहूं की कीमतें बढ़ सकती हैं, इसकी मुख्य वजह रबी फसलों की कटाई में हुई देरी है। जानकारों का मानना है कि हाजिर बाजार में गेंहू की कीमतें 1,700 रुपए प्रति क्विंटल के स्तरों को छू सकती हैं। क्यों बढ़ सकती हैं कीमतें बेमौमस बारिश से मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र रबी फसल को नुकसान। आकलन के मुताबिक बेमौसम बारिश के चलते...
More »आखिर क्यों स्कूली शिक्षा नहीं बनती मुद्दा- चंद्रभान प्रसाद
पिछले वर्ष सर्दियों में मैंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के एक दलित गांव का दौरा किया। यह गांव सागरी तहसील के मालतरी से थोड़ी ही दूर पर बसा है। यहां की एक महिला की दास्तान सुनकर हम दंग रह गए। दरअसल वह अपनी बेटी का दाखिला पास के एक हाई स्कूल में छठी कक्षा में कराना चाहती थी, पर स्कूल प्रबंधन ने इन्कार कर दिया। वजह, लड़की अपना नाम...
More »असम में बार-बार भड़कती हिंसा का समाधान क्या है- विनोद रिंगानिया
असम में दो साल पहले बोडो बहुल इलाकों में हुई हिंसा में सौ से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इस साल फिर वहां हिंसा भड़क उठी है। पिछली बार की हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। उसने जांच रिपोर्ट सौंपी और दोषियों के खिलाफ मामले दायर किए। मामले अब भी चल रहे हैं, पर उस रिपोर्ट के आधार पर सरकार को जो कदम उठाने चाहिए थे, वे...
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