नौजवानों के लिए इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होकर उत्पादन के क्षेत्र में उतरने को तत्पर होता है, तब उससे कह दिया जाता है कि उसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसका खुद पर गुस्सा लाजिमी है कि उसने अपने परिवार के संसाधनों का इस्तेमाल खुद को राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान करने लायक बनाने के लिए व्यर्थ किया। मां-बाप...
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फैक्ट्री की इमारत ढहने से गईं 10 जानें, 100 से अधिक अभी भी दबे
जालंधर. रविवार देर रात ध्वस्त हुई शीतल फाइबर में 10 श्रमिकों की मौत हुई है। बचाव दल ने सोमवार रात तक मलबे से 3 शव निकाले जबकि 6 शवों को निकालने की कोशिश जारी थी। एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ा। मलबे से अभी तक 58 लोगों को जिंदा निकाला गया है पर अभी भी 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने आशंका है। फैक्ट्री के मालिक शीतल विज को...
More »क्यों गायब हो रहे हैं छोटे किसान - सुभाष चंद्र कुशवाहा
आर्थिक उदारीकरण में खेती-किसानी को कहीं भी महत्व नहीं दिया जाता। लेकिन भारत में कृषि नीति के प्रति सरकार की लगातार उदासीनता इसलिए घातक है कि सेवा क्षेत्र के विकास के बावजूद कृषि क्षेत्र आज भी अर्थव्यवस्था की धुरी है। यह हताशाजनक ही है कि सरकार बजट-दर-बजट खेती-किसानी को घाटे का सौदा साबित करने पर तुली है। बाहरी दबावों और कॉरपोरेट हितों के लिए कृषि क्षेत्र को तबाह करने का...
More »जालंधर: फैक्ट्री की इमारत ढही, 200 मजदूर दबे
जालंधर. फोकल प्वाइंट स्थित कंबल बनाने वाली शीतल फाइबर इंडस्ट्री में रविवार देर रात धमाके के साथ तीन मंजिला इमारत ढह गई। वहां काम कर रहे करीब 200 कर्मचारी मलबे के नीचे दब गए। सुबह तक 40 से अधिक घायलों को मलबे से निकाला जा चुका है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। धमाके की आवाज सुनते ही आसपास की फैक्ट्रियों में काम करते मुलाजिम और लोग बचाव के लिए दौड़े और मलबे में दबे...
More »मनरेगा के करोड़ों रुपए का नहीं हुआ भुगतान
शिमला. मनरेगा के तहत प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2011-12 के दौरान करोड़ों रुपए का भुगतान नहीं हो पाया है। मनरेगा की एमआईएस साइट से 14 अप्रैल, 2012 से उपलब्ध जानकारी के अनुसार जहां मजदूरों के 16.86 करोड़ रुपए रुपए बकाया है, वहीं मेटीरियल बिल की 1.09 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान अप्रैल, 2012 तक नहीं हो पाया है। इसमें 7516 मस्टर रोल पर बिल का भुगतान बकाया और 1190 के मेटीरियल...
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