एक ओर मामूली चोरी के आरोप में देश भर की जेलों में हजारों कैदी बरसों से सड़ रहे हैं, दूसरी तरफ जनता को अरबों रुपए का चूना लगाने वाले कॉरपोरेट जगत के सफेदपोश अपराधी छुट््टा घूम रहे हैं। खुली अर्थव्यवस्था का यह कड़वा सच जगजाहिर है। इस सच के साथ कुछ अपवाद भी जुड़े हैं। ‘सत्यम कंप्यूटर्स' के संस्थापक और उसके पूर्व प्रमुख बी रामलिंग राजू का मामला अपवाद की...
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क्यों खुदकुशी कर रहे हैं किसान- विनय सुल्तान
सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...
More »'कुछ दिन और पानी में रहे तो हम भी गजेंद्र हो जाएंगे'
ओंकारेश्वर। हम हमारा अधिकार मांग रहे हैं... मेरी जमीन पर मूंग की फसल बोई थी, यहां पानी भर दिया है। अब मैं क्या करुं कुछ समझ में नहीं आ रहा। कुछ दिन और पानी में रहे तो हम भी गजेंद्र हो जाएंगे। यह दर्द भरी बात घोघलगांव जल सत्याग्रह के 16वें दिन आंदोलनकारी रमेश कड़वाजी ने कही। उन्होंने कहा कि मैं बाकी किसी की बात नहीं करता। मेरे खेत का मुझे...
More »झारखंड : 14 साल में बेच दिया 93 हजार करोड़ का पत्थर
झारखंड में पत्थर माफिया राज कर रहे हैं. एक तरफ ये पहाड़ को काट कर खत्म कर रहे हैं, वैध के साथ-साथ अवैध खुदाई कर रहे हैं, पर्यावरण को नष्ट कर लोगों के जीवन से खेल रहे हैं. दूसरी तरफ झारखंड सरकार को देनेवाले राजस्व की चोरी भी कर रहे हैं. यह बड़ा अपराध है. इन लोगों ने 14 साल में 93 हजार करोड़ रुपये का पत्थर बेच दिया...
More »अदूरदर्शी नीतियों से बदहाल किसान - रमेश दुबे
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर पर आयोजित रैली के दौरान एक किसान की खुदकुशी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि खेती-किसानी की बदहाली पर संजीदा होने के बजाय सभी पार्टियां सियासी रोटी सेंकने में जुट गई हैं। जहां 'आप" दिल्ली पुलिस के बहाने केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है, वहीं कुछ भाजपा विरोधी कह रहे हैं कि यदि राजस्थान...
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