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फिर जीवंत हुए गांधी के चरखे

बेतिया [कार्यालय प्रतिनिधि]। जिले में वर्षो से बंद हो गए गांधी के चरखे फिर से जीवंत हो गए हैं, जिससे ग्रामीण भारत का सपना साकार होने की उम्मीद जगी है। बेरोजगार हुए कातिनों, बुनकरों और कारीगरों के चेहरे की रौनकता लौटने लगी है। खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र और सचिव रामरंजन लाल कर्ण ने बताया कि कार्यकर्ताओं ने हिम्मत जुटाकर सूत कताई आरंभ कराई है। इस क्रम में दस रेशमी और दस...

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महंगाई के खिलाफ खोखली पहल

नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...

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किसानों व कारपोरेट सेक्टर का गठजोड़ जरूरी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने गांवों के विकास के लिए किसानों और कारपोरेट सेक्टर के गठजोड़ पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ही खाद्य प्रसंस्करण और कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से कंपनियों और किसानों दोनों को लाभ होगा। वह योजना आयोग के एक समारोह में बोल रही थीं। राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल मंदी के बावजूद भारत के कम प्रभावित होने की वजह उसकी ग्रामीण आर्थिक व्यवस्था रही है,...

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नर्मदा की छाती पर एक नया पत्थर

भीष्म जी कहते हैं, ‘‘युधिष्ठिर ! जिन वृक्षों के फल खाने के काम आते हैं, उनको तुम्हारे राज्य में कोई काटने न पावे-इसका ध्यान रखना।’’ - ‘महाभारत-शान्तिपर्व’ जिस समय दिल्ली में सरदार सरोवर बांध की ऊँचाई को 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर किए जाने की बैठक चल रही थी, ठीक उसी समय इंदौर के विसर्जन आश्रम में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर 11 अप्रैल 2010 से प्रारंभ...

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आदिवासी अधिकारों का व्यापक उल्लंघन हो रहा है- जनसुनवाई का फैसला

“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के  जज पी वी (रिटायर्ड)...

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