सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि खाने पीने की चीजों की महंगाई दर बढ़ती ही जा रही है 24 सितंबर को समाप्त हफ्ते में इनकी महंगाई दर बढ़कर 9.41 प्रतिशत हो गई। इसकी वजह फल सब्जियों दूध तथा प्रोटीन जनित सामानों की कीमतें बढ़ना है। इसके पहले हफ्ते खाद्यान्न की दर 9.13 प्रतिशत रही है। सरकारी आंकडों के मुताबिक इस दौरान सब्जियों के दाम 14.88 प्रतिशत बढ़ गए। फलों की...
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कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
More »गरीबों की गिनती का सच : हर्ष मंदर
मानवीय अस्मिता के साथ जीवन बिताने के लिए किसी गरीब व्यक्ति को कितने पैसे की जरूरत हो सकती है? हम जिस समय में जी रहे हैं, उसमें ऐसा कभी-कभार ही होता है कि अखबारों के फ्रंट पेज और खबरिया चैनलों के प्राइम टाइम बुलेटिनों में यह सवाल सुर्खियों में आया हो। यह भी आम तौर पर नहीं होता कि इस पहेली ने मध्यवर्ग की चेतना को चुनौती दी हो। लेकिन जब...
More »खाद्य मुद्रास्फ़ीति बढकर 9.13 फ़ीसद
नई दिल्ली : खाद्य मुद्रास्फ़ीति 17 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान बढ 9.13 फ़ीसद पर पहुंच गई. इससे पिछले सप्ताह 8.84 फ़ीसद पर थी. आलू, दाल और पोल्ट्री उत्पादों की कीमत के दबाव के कारण खाद्य मुद्रास्फ़ीति में तेजी आयी है. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने खाद्य वस्तुओं के दामों में तेजी को गंभीर चिंता का विषय बताया. सरकार द्वारा जारी थोकमूल्य सूचकांक आंकडे के मुताबिक...
More »बत्तीस के फेर में गरीबी : इला भट्ट
अब देश की सरकार गरीबी के मानदंडों में संशोधन करने जा रही है, जैसे कि देश को पता ही न हो कि गरीबी के मायने आखिर क्या हैं! सरकार का मानना है कि शहरी क्षेत्र में एक दिन में 32 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में एक दिन में 26 रुपए से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति ‘गरीब’ नहीं माना जा सकता और इसलिए वह सरकार की विभिन्न हितकारी योजनाओं के लिए पात्र...
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