“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट...
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तीन सियासतों के बीच में फंसा एक बुंदेलखंड
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में फैला बुंदेलखंड एक क्षेत्र है। पूरा इलाका गरीबी, बेरोजगारी, पलायन, सूखा, अकाल जैसी समस्याओं से भी समान रूप से जूझ रहा है। लेकिन इस क्षेत्र को इन समस्याओं से मुक्ति देने की कोशिश करने के बजाय सियासी सूरमा अपनी-अपनी सियासत चमकाने में लगे हैं। सियासत भी एक तरफा नहीं बल्कि तीन तरफा। यकीन नहीं तो उत्तर प्रदेश के...
More »सरदार सरोवर का सबक
यह सच है कि सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जो 800 मीटर नदी में बनी अहम परियोजना है। सरकार कहती है कि वह इससे पर्याप्त पानी और बिजली मुहैया कराएगी। मगर सवाल है कि भारी समय और धन की बर्बादी के बाद वह अब तक कुल कितना पानी और कितनी बिजली पैदा कर सकी है और क्या जिन शर्तों के आधार पर बांध को मंजूरी दी गई थी वह शर्तें...
More »बिहार को मालूम नहीं उसके यहां कितने हैं बेघर
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। बिहार सरकार ने मौसम की मार और भुखमरी से बचाने के लिए शहरी बेघरों को आश्रय और भोजन देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट का था, लेकिन राज्य सरकार को यही नहीं मालूम कि उसके शहरों में कितने लोग बेघर हैं? कोर्ट के नोटिस के जवाब में राज्य सरकार ने आर्थिक और प्रबंधकीय दिक्कतें बताते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई है और सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार...
More »सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय
दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...
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