अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
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महुआ की बिक्री पर नियंत्रण गरीबों के खिलाफ : हेमंत सोरेन
रांची : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने उत्पाद विभाग द्वारा बनाये जा रहे महुआ कंट्रोल रूल को गरीबों के खिलाफ बताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर ऐसे बिल को सहमति न प्रदान करने की अपील की है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड के लगभग 25 लाख परिवार का गुजर-बसर महुआ फुल के कारण होता है. इसमें अधिकांश गरीब आदिवासी परिवार शामिल हैं. इस नियम के प्रभावी...
More »महिला कामगारों की अनसुनी चीख- उपासना बेहार
घरेलू महिला कामगार श्रमिकों का एक ऐसा वर्ग है, जिसका शोषण आज भी जारी है। कहने को भले ही ये कामगार हों, लेकिन इन्हें नौकरानी ही माना जाता है। इनमें से कुछ अनेक घरों में कार्य करती हैं, तो कुछ एक ही घर में सीमित समय के लिए काम करती हैं, जबकि कुछ एक घर में पूर्णकालिक काम करती हैं। इन घरेलू महिला कामगारों के साथ तरह-तरह की क्रूरता, अत्याचार...
More »किसान के अस्तित्व की लड़ाई- योगेन्द्र यादव
टेलीविजन चैनलों ने किसान को याद किया, ताकि पूरा देश किसान को भूल सके! यही किसान और खेती की त्रासदी है. क्या किसान आंदोलन इस त्रासदी को पलट सकेंगे? असली त्रासदी यह नहीं कि गजेंद्र नाम का एक और किसान अब इस दुनिया में नहीं रहा, उसके मां-बाप ने अपने बुढ़ापे का सहारा खो दिया और बच्चों ने अपना पिता. असली त्रासदी है कि किसानों की आत्महत्या का यही सिलसिला...
More »न बदलें महिला हितैषी कानून- सुभाषिनी अली सहगल
कभी-कभी बड़ी सुर्खियों के पीछे महत्वपूर्ण खबरें छिप जाती हैं। कुछ दिन पहले एक खबर छपी थी कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है कि फौजदारी कानून की धारा 498-ए के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर आरोपी या आरोपियों को गिरफ्तार न करके यह कोशिश की जाएगी कि दोनों पक्षों के बीच समझौता किया जाए। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि इस...
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