देहरादून [अनिल उपाध्याय]। उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा का स्तर दिनों दिन गिरता जा रहा है। स्कूलों में गुरुजी आराम फरमा रहे हैं और बच्चे मस्ती में व्यस्त हैं। हालात कितने खराब हैं कि पाचवीं से आठवीं तक के बच्चों को कक्षा एक की किताब पढ़ने में दिक्कत होती है। छात्र जोड़-घटाने में कच्चे हैं। गुणा-भाग तो दूर की बात हैं। अंग्रेजी अक्षरों का ज्ञान बहुत सीमित है। चौंकाने वाली बात यह...
More »SEARCH RESULT
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए व्यापक नीति की जरुरत
नई दिल्ली। उद्योग जगत का कहना है कि देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में आने वाले समय में 40 प्रतिशत की धमाकेदार वृद्धि संभावनाओं के बावजूद क्षेत्र में व्यापक राष्ट्रीय नीति और उपयुक्त ढांचागत सुविधाओं सहित कई तरह की चुनौतियां खडी हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल [फिक्की] द्वारा इस संबंध में किए गए एक सर्वेक्षण में विभिन्न पक्षों ने 15 तरह की चुनौतियां गिनाई हैं जिनका खाद्य प्रसंस्करण उद्योग...
More »फाइलों में कैद होकर रह गयी सर्व शिक्षा अभियान की योजना
श्रावस्ती, 3 अगस्त : प्राथमिक शिक्षा की नींव को मजबूत करने के लिए सर्वशिक्षा योजना के तहत अभिभावकों को जागरूक करने के लिए सरकार ने योजानाओं की भरमार तो कर दी। यह सारी योजनाएं फाइलों तक सिमट कर रह गयी है। पात्र योजना के लाभ के लिए छटपटा रहे हैं। विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शिक्षा मित्रों के चलते नि:शुल्क पुस्तक वितरण ड्रेस, मिड डे मील आदि योजनाएं असफल दिखाई दे...
More »भू-कटाव: ढेला से सरबरखेड़ा, रायपुर, समेत आधा दर्जन गांवों को खतरा
बरसात में ढेला नदी के ऊफनाने से क्षेत्र के सरबरखेड़ा, गंगापुर, रायपुर, जगन्नाथपुर, बांसखेड़ा आदि में कृषि योग्य भूमि के कटाव की आशंका बनी हुई है। बीते समय में नदी ने जगह-जगह कटाव कर दिया। प्रशासन द्वारा सर्वे के बाद भी कटाव पर अंकुश की कोई कार्रवाई न करने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। दर्जनों ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर ठोस कवायद की मांग की है।विदित हो कि...
More »2050 तक शहरों का देश होगा भारत
नई दिल्ली। देश की करीब 45 फीसदी आबादी 2050 तक शहरों एवं कस्बों में रह रही होगी और इस तरह से भारत गांवों में बसता है की अवधारणा बीते युग की बात हो जाएगी। अभी देश की 30 फीसदी आबादी शहरों में रहती है।आर्थिक विश्लेषण संस्था, एनसीएईआर के एक अध्ययन के मुताबिक, एक अनुमान के आधार पर 45 फीसदी भारतीय 2050 तक शहरों एवं कस्बों में रह रहे होंगे। इसका...
More »