बेतिया/पटना. गरीबी की दंश झेल रही सकुन की मौत बुधवार को घोंघा चुनने के क्रम में हो गई। सकुन मुफस्सिल थाना के मंशाटोला के समीप डबरा चंवर में बुधवार को अपने तथा अपने परिवार की पेट की आग बुझाने के लिए घोंघा चुनने गई थी। इसी बीच 33 हजार वोल्ट के बिजली के तार ने उसे अपना ग्रास बना लिया। पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया...
More »SEARCH RESULT
अंतहीन यातनाओं से गुजरते विचाराधीन कैदी- सुभाष गताडे
पिछले दिनों विचाराधीन कैदियों का मसला तब सुर्खियों में आया, जब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने देश की अलग-अलग जेलों का अध्ययन कर बताया कि भारत में 65 फीसदी से ज्यादा कैदी विचाराधीन मामलों में बंद हैं। उसने विचाराधीन कैदियों की संख्या के मामले में भारत को दुनिया के 10 सबसे 'खराब' देशों में शामिल किया है। वर्ष 2012 तक उपलब्ध राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, जेलों में 2.5...
More »बूढ़े-माता पिता को गुजारा भत्ता पाने के लिए देने होंगे पांच रुपये
रांची : बूढ़े-माता पिता को बच्चों से गुजारा भत्ते का दावा करने के लिए बतौर फीस पांच रुपये चुकाने होंगे. साथ ही पुलिस को अपने-अपने इलाके में रहनेवाले बुजुर्ग लोगों की सूची बनानी होगी. उसकी सुरक्षा का ख्याल रखना होगा. राज्य सरकार ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली में यह प्रावधान किया है. सरकार की तैयार नियमावली के अनुसार बूढ़े माता-पिता की देखभाल की स्थिति में...
More »राजस्थान : ग्रामीण महिलाएं भी हो रही हैं हाइपरटेंशन की शिकार
नईदुनिया ब्यूरो, जयपुर। हाइपरटेंशन आमतौर पर शहरी बीमारी मानी जाती है, लेकिन राजस्थान में ग्रामीण महिलाएं भी इस बीमारी की शिकार हो रही हैं और इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। हाल में जारी वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2012-13 की रिपोर्ट बताती है कि दो साल में राजस्थान में हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या करीब तीन गुना और ग्रामीण महिलाओं की संख्या लगभग ढाई गुना बढ़ गई। केंद्र सरकार की ओर...
More »आधी सजा भुगती, अब पूरा इंसाफ - जगदीप धनकड़
गत सप्ताह सर्वोच्च अदालत ने उन विचाराधीन कैदियों की रिहाई के आदेश दिए, जो उन पर लगाए गए आरोपों के लिए निर्धारित सजा की आधी अवधि पहले ही काट चुके हैं। इस निर्णय के बाद अब लगभग दो लाख कैदी जेल से मुक्त हो सकेंगे। इनमें से अधिकतर गरीब, अशिक्षित या अर्द्धशिक्षित हैं और ये बहुत मामूली अपराधों के चलते जेल की सजा काटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हें...
More »