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बगैर मुखिया चल रहे क्षेत्र के 51 विद्यालय

मोहम्मद हारून, हथीन : एक कहावत है कि बगैर सेनापति के फौज कुछ काम की नहीं। यह कहावत क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों पर सटीक बैठती है। क्षेत्र के 51 स्कूल बगैर सेनापति (मुखियाओं) के चल रहे हैं। हालांकि शिक्षा विभाग शिक्षा की बेहतरी के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रहा है, लेकिन लंबे अरसे से खाली पड़े पदों को भरने की जहमत नहीं उठाई। ऐसे में स्कूल प्रबंधन व पढ़ाई पर...

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बच्चों की अनगढ़ भाषा में हमारी आकांक्षाओं के अक्स- नरेश गोस्वामी

देश के ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षण और बच्?चों की बोधगम्यता संबंधी एक अध्?ययन से पता चला है कि प्राथमिक कक्षाओं के ज्?यादातर बच्?चे गणित और भाषायी ज्ञान दोनों में ही कुशलता के जरूरी स्?तर से दो ग्रेड नीचे हैं। इस अध्?ययन के अनुसार बच्?चों में सही वाक्?य-रचना की क्षमता कम होती जा रही है। यूनेस्?को और यूनिसेफ द्धारा समर्थित इस अध्?ययन में आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और...

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महात्मा के दो सिपाही : गोपालकृष्ण गांधी

समय सिकुड़ रहा है, तारीखें तंग होती चलती हैं। अक्टूबर को ही देखिए, त्योहारों-तिथियों से खचाखच है। उसकी दो तारीख न सिर्फ महात्माजी की जयंती है, लाल बहादुर शास्त्री की भी है। फिर अक्टूबर 2 को ही, 1975 में, कुमारस्वामी कामराज का आकस्मिक देहांत हुआ था। वह उस कर्मठ नेता की पुण्यतिथि भी बनती है। इतिहास में रुचि रखने वालों के दिलों में अक्टूबर 31 की एक अपनी पहचान है :...

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डेंगू नू छड्डो, तुसीं कबड्डी दा नजारा लुट्टो: सुखबीर

बठिंडा. डेंगू नू छड्डो, तुसीं कबड्डी दा नजारा लुट्टो, डेंगू तां डीसी, एसएसपी लभ लैणगे। दीवाली आ गई ए, पटाखे चलणगे तां डेंगू आपे भज जाऊ! यह कहना था डिप्टी सीएम सुखबीर बादल का। सुखबीर बुधवार को यहां मीडिया से रूबरू थे। बठिंडा के खेल स्टेडियम में एक नवंबर को होने जा रहे विश्व कबड्डी कप के उद्घाटन समारोह की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे सुखबीर से मीडिया ने शहर में नियंत्रण...

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बीमार व्यवस्था में पिसते गरीब-- सुभाष चंद्र कुशवाहा

आज शिक्षा और स्वास्थ्य के व्यावसायीकरण के चलते गरीबों का जीना दूभर होता जा रहा है। आए दिन महंगी शिक्षा का खर्च वहन न कर पाने के कारण गरीब छात्र व्यावसायिक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं और हताशा में खुदकुशी कर रहे हैं। इसी तरह अस्पतालों का खर्च न उठा पाने के चलते गरीब असमय मरने को मजबूर हो रहे हैं। दुखद है कि आम लोगों को शिक्षा और...

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