SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3863

शून्य से नीचे तापमान में भी लद्दाख के किसान कर रहे गोभी, टमाटर और पालक जैसी कई सब्जियों की खेती

 गाँव कनेक्शन, 26 दिसंबर लद्दाख के खालसी गाँव के 50 साल के रिंचा अंगचुक पेशे से किसान हैं। उनके लिए सर्दियों के महीने हमेशा से संघर्षपूर्ण हुआ करते थे। कड़ाके की ठंड से बचने के अलावा, अपनी पत्नी और दो बेटियों को खिलाने के लिए पौष्टिक सब्जियां ढूंढना हमेशा से एक चुनौती रहा था। अंगचुक ने गाँव कनेक्शन को बताया, "सर्दियों के महीनों में टमाटर की कीमत 150 रुपये से 200...

More »

सुंदरबन: दूरदर्शी नीति के अभाव में ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण का गंवाया बेहतर अवसर

मोंगाबे हिंदी, 23 दिसम्बर सीमेंट ब्लॉक की लाइनें एक लावारिस कब्रिस्तान के पत्थर की तरह दिखती हैं। एक खेत से सटा पुराना टूटा-फूटा एक मंजिला घर किसी डरावनी फिल्म के सेट जैसा दिखता है। एक दशक से भी कम समय पहले ये सीमेंट ब्लॉक सौर पैनलों के लिए आधार का काम करते थे। ये 110 किलोवाट सोलर प्लांट का हिस्सा थे। साल 2003 में शुरू होने के बाद यह देश के...

More »

आबादी के पास हो रहे खनन से परेशान देहरादून के निवासी कर रहे है खनन नीति में बदलाव की मांग

इंडियास्पेंड, 17 दिसंबर देहरादून के फतेहपुर टांडा गांव की निवासी मंजीत कौर (55) को अपने सात महीने के पोते को सुलाने में आज कल काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, कारण है घर के पास लगे स्क्रीनिंग प्लांट और बड़े वाहनों से होने वाला शोर। इस शोर की वजह से मंजीत और उनके पोते की नींद पूरी नहीं हो पाती है और दोनों को ही चिड़चिड़ाहट होती है। उत्तराखंड में देहरादून...

More »

ग्रामीण ओडिशा में अनाज भंडारण करने का देसी तरीका 'गोला', लेकिन अब लुप्त होने का डर

गाँव कनेक्शन, 13 दिसंबर भागीरथी मंडल ने यह मानने को तैयार नहीं हैं कि केंद्रपाड़ा जिले में उनके गाँव हरियांका के पारंपरिक गोला (भंडार घर) को कभी भी बदला जा सकता है। "गोला के बिना फसल की कटाई को संरक्षित करना हमारे लिए असंभव है। यहां तक कि सबसे बढ़िया भंडारगृह भी पर्याप्त नहीं होते। गोले अतीत में महत्वपूर्ण थे, अब भी महत्वपूर्ण हैं और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगे, "...

More »

पाम ऑयलः सब्सिडी के सहारे बढ़ती तेलंगाना में ताड़ की खेती, भविष्य में नुकसान की आशंका

मोंगाबे हिंदी, 06 दिसम्बर  तेलंगाना का खम्मम जिला पूरे राज्य में ताड़ की खेती के लिए जाना जाता है। यह राज्य के चार ऐसे चुनिन्दा जिलों में से है जहां 1990 के दशक में सबसे पहले ताड़ की खेती शुरू हुई थी। यहां ताड़ की खेती करने वाले बहुत से पुराने और नए किसान आपको आसानी से मिल जाएंगे। छप्पन वर्ष के विद्या सागर ऐसे ही एक किसान हैं जो इस...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close