SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 241

दिल्ली में पूर्वोत्तर के लोग असुरक्षित: मणिपुरी युवक की पीट-पीट कर हत्या

नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके में सड़क पर हिंसा के एक संदिग्ध मामले में पांच लोगों के एक समूह ने 29 साल के एक मणिपुरी युवक को सोमवार तड़के कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने पांच हमलावरों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि राजधानी में पूर्वोत्तर के लोगों पर बढ़ते...

More »

सूदखोर ने बेटे को आदिवासी बनाकर भी हड़पी जमीन

बैतूल (ब्यूरो)। सूदखोर राजेश पांडे द्वारा कर्जदारों को फांसने के लिए बिछाया गया मकड़जाल कोतवाली पुलिस द्वारा बुधवार को उसके घर पर की गई तलाशी में सामने आया है। वह एक ओर जहां कर्जदारों को हर तरफ से चुंगल में फंसा लेता था वहीं फर्जीवाड़े का भी मास्टर माइंड साबित हुआ है। उसने एक आदिवासी की जमीन हड़पने के लिए जहां बेटे को आदिवासी बना दिया वहीं कलेक्टरों के हस्ताक्षरयुक्त...

More »

हरप्रीत कौर की अजब कहानी- राहुल कोटियाल

साल 2013. दिल्ली में इस साल की शुरुआत धरनों, प्रदर्शनों, भूख हड़ताल और नारों से हुई थी. 16 दिसंबर 2012 की शाम जो हादसा निर्भया के साथ हुआ उसने दिल्ली ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इसके बाद लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे. कहीं निर्भया को न्याय दिलाने की मांग थी तो कहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून बनाने के आंदोलन हो...

More »

एक दिल्ली और दो 'जन्तर-मन्तर'- अलका आर्य

हाल ही में मैं दिल्ली की तपती गर्मी को पीठ दिखाते हुए संसद से कुछ ही फासले पर स्थित जंतर-मंतर गई तो मन में पहला सवाल यही उठा कि क्या यह वही स्थान है, जहां 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद भारी संख्या में लोगों ने लगातार कई दिनों तक सरकार व व्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर दुनिया का...

More »

राज्यों से बेहतर तालमेल जरूरी- नृपेन्द्र मिश्र

बस दो हफ्तों की बात और है, इसके बाद केंद्र में एक नई सरकार होगी, जिसे बेकाबू भ्रष्टाचार, धीमी विकास दर, बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते दामों और गहरी जड़ें जमा चुकी दोषपूर्ण मान्यताओं से उपजी राजनीतिक व्यवस्‍था जैसी विकराल चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। चुनावी सरगर्मियों पर नजर डालने से साफ पता चलता है कि ऐसे तीन मुद्दे हैं, जो औसत मतदाता की परेशानियों का सबब बनते हैं। इनमें सबसे...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close