SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1116

सुकमा मुठभेड़ में मारे गये 17 जवानों में से 16 छत्तीसगढ़ के ही आदिवासी हैं!

-मीडियाविजिल, देश भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या अब तक कुल 9 है लेकिन छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एल्मागुड़ा के करीब शनिवार दोपहर को माओवादियों के साथ मुठभेड़ में मारे गये पुलिसवालों की संख्या 17 है। इन मौतों पर कहीं चर्चा नहीं है। विडम्बना है कि इन 17 में से 16 लाशें आदिवासियों की हैं और सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले निचले दरजे के पुलिसकर्मी हैं। शुरुआती रिपोर्टों...

More »

20-21 मार्च को फिर से बारिश और ओलावृष्टि का अनुमान, किसानों की बढ़ेगी मुश्किल

-आउटलुक, उत्तर भारत के राज्यों में 20-21 मार्च को फिर से बारिश के साथ ही ओलावृष्टि होने का अनुमान है जिससे किसानों की मुश्किल और बढ़ेगी। फरवरी, मार्च में देश के कई राज्यों में तेज हवा, बारिश और ओलावृष्टि से पहले ही सरसों, चना, मसूर और गेहूं के साथ ही सब्जियों के साथ आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है। 20 मार्च उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में बारिश...

More »

छत्तीसगढ़: पराली जलाने के लिए किसानों पर जुर्माना, किसान सभा ने जताया विरोध

-मीडियाविजिल, छत्तीसगढ़ किसान सभा ने पराली जलाने पर प्रशासन द्वारा किसानों पर जुर्माना किये जाने का विरोध किया है। राज्य सरकार के इस रवैये को किसान विरोधी करार देते हुए इसकी तीखी निंदा की है। उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिले के किसानों से पराली जलाने के अपराध में प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम और एनजीटी के प्रावधानों के अंतर्गत 3 से 5 हजार रुपये जुर्माना वसूला जा रहा है। प्रदेश के...

More »

आधा भारत आया मार्च की बारिश के चपेट में, 57 फीसदी अधिक हुई बारिश, आगे भी बना है खतरा

-गांव कनेक्शन, जिस फसल को देखकर किसान के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं, उसी फसल को हाथ में लेकर 70 साल के बुजुर्ग किसान अच्छे लाल फफक रहे थे। कई हजार रुपए की लागत और कड़ाके की सर्दी में छुट्टा पशुओं से बचाकर लगभग तैयार हो गई उनकी तीन एकड़ चने की फसल 14 मार्च को भारी बारिश और हवा से बर्बाद हो गई थी। "पूरी फसल बर्बाद हो गई, इससे अब...

More »

 बैगा आदिवासियों की बेंवर खेती - बाबा मायाराम

मध्यप्रदेश के मंडला जिले में बैगा आदिवासी बेंवर विधि से खेती करते हैं। इसी विधि से ही छत्तीसगढ़ में बैगा व पहाड़ी कोरवा आदिवासी खेती करते हैं। पिछले कुछ समय से इसमें कमी आई है, पर अभी भी यह काफी प्रचलित है।  बेंवर विधि से खेती बिना जुताई की जाती है, जिसके लिए पहले ग्रीष्म ऋतु में पेड़ों की छोटी-छोटी टहनियों, पत्ते, घास और छोटी झाड़ियों को एकत्र कर उनमें आग...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close