आम लोगों से सरोकार रखने वाली शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यावरण,वित्त,सामाजिक कल्याण से जुड़ी देश भर की ज्यादातर सेवाओं को केंद्र सरकार ई गवर्नेंस मॉडल के तहत लाने की तैयारी में जुटी है। देश के विभिन्न राज्यों से करीब 1700 सेवाओं को चिन्हित करके इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक पोर्टल के तहत लाने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकारों से भी इस संबंध में विचार विमर्श किया गया है। वर्ष 2017 में...
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जर्मन अर्थशास्त्री का दावा- भारत में नोटबंदी के पीछे है अमेरिका का हाथ
8 नवंबर को भारत में नोटबंदी का फैसला लागू हुआ था और 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे। लोगों को पैसे बदलवाने के लिए बैंक और एटीएम की लाइनों में लगना पड़ा। लेकिन शायद किसी को यह भनक तक नहीं लगी होगी कि नोटबंदी के इस फैसले के पीछे अमेरिका का हाथ है। एक लेख में जर्मन अर्थशास्त्री नॉर्बर्ट हैरिंग ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा...
More »सर्जरी के बाद बेहतर इलाज की बारी - डॉ. भरत झुनझुनवाला
यह सही है कि नोटबंदी केबाद अर्थव्यवस्था कुछ मंद पड़ रही है। किंतु इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार का यह साहसिक कदम लाभप्रद सिद्ध होगा यदि आगे की नीतियां सही हों, जैसे सर्जरी के बाद मरीज को सही खुराक देने से वह स्वस्थ हो जाता है। पहला मुद्दा सरकारी खर्चों की गुणवत्ता का है। नोटबंदी से डिजिटल क्षेत्र में व्यापार बढ़ेगा। जो माल पूर्व में बिना टैक्स अदा...
More »नहीं है आधार कार्ड तो बैंक से रुपये निकालना हो जाएगा मुश्किल!
बैंक खाता खोलने, एटीएम से पैसा निकालने और डिजिटल भुगतान के लिए सरकार आधार कार्ड को प्रमुख पहचान पत्र बनाने की तैयारी में है। आधार अधिनियम की धारा-57 के तहत यह व्यवस्था जल्द लागू की जा सकती है। साथ ही इसके लिए धन समशोधन नियमों (पीएमएलए) में संशोधन किया जाएगा। नीति आयोग द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों की समिति भी आधार को प्रमुख पहचान पत्र (प्राइमरी आईडी) बनाने पर सहमति जता चुकी...
More »अब खेल हो खुला फर्रुखाबादी - मृणाल पांडे
पिछले महीने से सरकार कभी अच्छे दिनों के पुराने सपने जगाती है, कभी देशभक्ति की दुहाई दे जनता से नोटबंदी के इन बुरे दिनों को झेल ले जाने का अनुरोध करती है। फिर भी जब खराब खबरें आना बंद नहीं होतीं, तो वह पटरी बदल लेती है। उत्तर प्रदेश, पंजाब चुनावों की जनसभाओं में अब लुटियन की सरकारी दिल्ली को, पूर्व कांग्रेसनीत सरकार और उसके करीबी मीडिया को, और अंत...
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