हम खोजते उसे हैं, जिसकी जरूरत तो लगती है, पर वह हमारे पास होती नहीं है; या जो कभी मिली थी और अब खो गई है। भारत के साथ दोनों स्थितियां हैं। दार्शनिक जद्दू कृष्णमूर्ति से कभी किसी ने भारत की खोज करने की ऐसी ही बात की थी, तो उन्होंने पलट कर पूछा था : क्या तुम्हें कहीं कोई भारत मिला? क्या तुमने कहीं भारत की विशालता जितना बड़ा...
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1 लीटर तरल खाद, एक एकड़ फसल में बढ़ा देगी 20 फीसदी उत्पादन
पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए तरह-तरह के नए सीड तैयारे करने वाले कृषि वैज्ञानिकों ने अब तरल खाद तैयार की है। वैज्ञानिकों का दावा है कि 35 साल की रिसर्च के बाद तैयार इस तरल खाद को एक एकड़ क्षेत्र में 1 लीटर डालने पर लगभग 20 फीसदी तक उत्पादन बढ़ जाएगा। यह सभी प्रकार की खेती में उपयोग की जा सकेगी। यह रिसर्च जवाहरलाल...
More »प्रदूषण भीतरी दिल्ली में कम, बाहरी में ज्यादा
दिल्ली की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। ऑड-ईवेन योजना का असर शहर की सड़कों पर साफ दिख रहा है। कारों की संख्या बेहद कम दिखी लेकिन इस योजना का वैसा असर प्रदूषण के आंकड़ों पर नहीं दिख रहा। शहर के विभिन्न स्थानों पर शनिवार को हवा में प्रदूषण की मात्रा सामान्य से ढाई गुना तक अधिक पायी गयी। खासकर सीमावर्ती इलाकों में प्रदूषण में ज्यादा कमी नहीं दिख रही। सूबे...
More »वक्त के पन्नों पर जो दर्ज कर गये अपनी अमिट छाप
नियम यह है विधाता का / सभी आकर चले जाते / मगर कुछ लोग ऐसे हैं / जो जाकर भी नहीं जाते। न सब धनवान होते हैं / न सब भगवान होते हैं/ दयालु, लोकप्रिय, सतपाल / भले इनसान होते हैं।। ... और ऐसा कोई इनसान जब वक्त के पन्नों पर अपनी अमिट छाप छोड़ कर हमारे बीच से विदा होता है, तो यह हम सबका साझा फर्ज बनता...
More »दंड विधान को उदार बनाने का वक़्त-- शशि थरुर
ब्रिटिश शासकों से विरासत में मिली हमारी संसदीय व्यवस्था में कानून बनाने का काम मोटे तौर पर सरकार द्वारा संचालित है। ऐसा प्रावधान नहीं है कि विपक्षी दल विधेयक लाएं और उन्हें पारित कर कानून का रूप देने का प्रयास करें। हालांकि, संसद सदस्य व्यक्तिगत रूप से ऐसा कर सकते हैं। इस प्रावधान को ‘निजी सदस्य के विधेयक' कहा जाता है। संसद चल रही हो तो हर शुक्रवार की दोपहर...
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