शरद पवार जैसे बहुरंगी कलाकार की जगह उन्नीस महीने पहले जब राधा मोहन सिंह को देश का कृषि मंत्री बनाया गया, तो आम धारणा यही बनी कि जमीन से जुड़े नेता होने के नाते वे कृषि अर्थव्यवस्था ही नहीं, किसानों के व्यापक कल्याण का भी काम करेंगे. संयोग से करीब सवा साल बाद मंत्रालय का नाम भी बदल कर कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय कर दिया गया. लेकिन, उसके बमुश्किल...
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गेहूं के कर-मुक्त आयात की नीति से मंडराते खतरे-- के सी त्यागी
केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात पर लगने वाले ‘आयात शुल्क' को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है। यानी गेहूं के आयात पर अब तक लग रहे 10 फीसदी शुल्क को हटा लिया गया है। अब विदेशों से गेहूं आयात करने पर किसी तरह का ‘कर' नहीं लगेगा। कर-रहित आयात को मंजूरी मिल जाने से बाजार में विदेशों से आयातित सस्ते गेहूं की बहुतायत होगी, जिससे देश...
More »खाद्यान्न उत्पादन का बनेगा रिकॉर्ड
नई दिल्ली। लगातार दो साल सूखे के बाद इस बार अच्छी बारिश के चलते देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2016-17 में नई ऊंचाई पर पहुंच सकता है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने यह उम्मीद जताई है। वह यहां गुरुवार को रबी फसल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में राज्यों के कृषि अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। फसल वर्ष 2013-14 में अब तक का...
More »धान खरीद योजना के नाम पर लूट
महालेखाकार की जांच में हुआ है भारी गड़बड़ी का खुलासा, सीबीआइ ने एफसीआइ के गोदामों में की है छापामारी राज्य में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की योजना वित्तीय वर्ष 2011-12 में शुरू हुई थी, जो अब तक चल रही है. इस बीच वित्तीय वर्ष 2013-14 में सिर्फ दो जिले रामगढ़ व हजारीबाग तथा 2014-15 के सुखाड़ में भी हजारीबाग जिले में धान की खरीद...
More »विसंगति से संकट विश्वास का- अनिल रघुराज
जब इनसान नर्वस होता है, तो उसकी घिग्घी बंध जाती है. लेकिन सरकार जब नर्वस होती है, तो कुछ ज्यादा ही वाचाल हो जाती है. मोदी सरकार का फिलहाल यही हाल है. कार्यकाल के तीन साल बाकी हैं. लेकिन दो साल पूरा करने पर ऐसा डंका बजाया जा रहा है, मानो यज्ञ की पूर्णाहुति होनेवाली हो. हर सरकारी वेबसाइट खोलते ही विज्ञापन आ जाता है- मेरा देश बदल रहा है,...
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