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दुनिया के खुशहाल देशों की रैंकिंग में लगातार तीसरे साल पिछड़ा भारत

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र विश्व खुशहाली रिपोर्ट में इस साल भारत 140 वें स्थान पर रहा जो पिछले साल के मुकाबले सात स्थान नीचे है. फिनलैंड लगातार दूसरे साल इस मामले में शीर्ष पर रहा. इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी पिछड़ गया है. संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क ने बुधवार को यह रिपोर्ट जारी की. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2012 में 20 मार्च को विश्व खुशहाली...

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जम्मू-कश्मीर: हिंसा के कारण विस्थापित होने वालों की तादाद सबसे ज्यादा तादाद

पाकिस्तान से बढ़ती सैन्य तनातनी और युद्ध की आशंका के बीच केंद्र सरकार ने घोषणा की : ‘जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास रहने वाले नागरिकों को भी आरक्षण का लाभ दिया जाएगा.' लेकिन क्या सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग सचमुच आरक्षण का लाभ हासिल कर पाने की स्थिति में हैं ?   इस सवाल का उत्तर ढूंढ़ने के लिए इन तथ्यों पर गौर कीजिए : बीते साल जनवरी से जून महीने के...

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देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने संबंधी टिप्पणी पर मेघालय हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय हाईकोर्ट के जस्टिस सुदीप रंजन सेन की एक विवादित टिप्पणी हटाने के लिए दायर याचिका पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया है. लाइव लॉ के मुताबिक, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने सोमवार को मेघालय हाईकोर्ट के रजिस्ट्री को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया. दिसंबर 2018 में एक फैसले में जस्टिस सेन ने कहा था कि 1947 में देश...

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नागरिकता संशोधन विधेयक: मणिपुर के छात्र संगठनों ने राष्ट्रपति के बयान की निंदा की

इम्फाल: मणिपुर के तीन प्रमुख छात्र संगठनों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 से उन पीड़ितों को मदद मिलेगी जो उत्पीड़न के कारण भारत में आने को मजबूर हुए हैं. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू), मणिपुर स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एलायंस ऑफ मणिपुर (डीईएसएएम) ने बीते एक फरवरी को कहा कि यदि विधेयक पारित हुआ...

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जब सोच बदलेगी तो खिलेंगी बेटियां-- रमा गौतम

हमारा समाज बेशक आज मार्डन हो गया है। समाज के लोग यही कहते है कि हमने आज तक बच्चों में कोई फर्क नहीं किया और हमारे लिए तो बेटा-बेटी एक समान हैं। मगर, वास्तविकता कुछ और ही होती है। लड़कों के मामले में हम बहुत खुले विचार रखते हैं। मगर, लड़की की बात आते ही कहीं न कहीं हमारी सोच थोड़ी सिकुड़ जाती है, इसी के चलते सृष्टि को आगे...

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