सरोगेसी, सरोगेसी, विधेयक, 2016, भारत में सरोगेसी की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं, खासकर गरीब तबके की औरतों का काफी शोषण हो रहा था। उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा था, और उनके स्वास्थ्य के प्रति भी लापरवाही बरती जा रही थी। सरोगेसी (नियमन) विधेयक, 2016 को लाया जाना वक्त की जरूरत थी, मगर इस रूप में नहीं, जैसा लाया गया है। भारत में सरोगेसी की पूरी प्रक्रिया में महिलाओं, खासकर...
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रूढ़ियों को तोड़ रहीं डिजिटल महिलाएं-- ओसामा मंजर
पिछले दिनों मेरी मुलाकात लिपिका से हुई। वह असम के सोनापुर की हैं। स्कूली शिक्षा के लिए उन्हें जद्दोजहद तो करनी ही पड़ी, कॉलेज में दाखिला लेने के लिए भी माता-पिता को खूब मनाना पड़ा। कुछ वर्षों पहले उनकी नजर सामुदायिक सूचना संसाधन केंद्र (सीआईआरसी) पर पड़ी। यह सीखने की उनकी ललक है कि आज वह उस केंद्र की कंप्यूटर प्रशिक्षक हैं। वह कहती हैं, मेरी मां ने बताया था...
More »शिक्षा में संवैधानिक मूल्यों से पलायन-- बीरेन्द्र सिंह रावत/फिरोज अहमद/मनोज चाहिल
नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अवकाश-प्राप्त कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यन की अध्यक्षता में जो पांच सदस्यीय समिति 31 अक्टूबर 2015 को गठित की गई थी, उसने 30 अप्रैल 2016 को दो सौ तीस पृष्ठों की एक रपट मंत्रालय को सौंपी। यह एक राज ही रहा कि सरकार ने आखिर क्यों उस रपट को सार्वजनिक नहीं किया, जबकि उसकी विषयवस्तु न सिर्फ गोपनीय नहीं...
More »आर्थिक विकास के लिए नीतियां जरूरी
वैश्विक होती अर्थव्यवस्था के दौर में समान विकास की अवधारणा मजबूत हो रही है. नीति-निर्माता से लेकर आर्थिक विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि विकास दर जरूरी है, लेकिन बिना आर्थिक असमानता को दूर किये विकास अधूरा है. इस व्यापक सोच के साथ रांची में ‘इंटरनेशनल काॅन्फ्रेस ऑन इन्क्लूसिव एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट इन झारखंड: चैलेंज एंड अपॉर्चुनिटी' विषय पर तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. पूर्वी भारत...
More »बहुत दूर दिखती है मंजिल, सतत विकास सूचकांक में भारत 110वें स्थान पर
सतत विकास वैश्विक सामाजिक प्रगति रिपोर्ट में भारत के 98वें स्थान (133 देशों में) पर होने की निराशाजनक खबर के बाद अब चिंताजनक सूचना यह आयी है कि सतत विकास सूचकांक में हमारा देश 110वें (149 देशों में) पायदान पर खड़ा है. वर्ष 2030 तक गरीबी, भूख, अशिक्षा से मुक्ति के साथ बेहतर पर्यावरण का वैश्विक लक्ष्य पाने के हमारे प्रयासों पर यह एक गंभीर टिप्पणी है. इस रिपोर्ट की मुख्य...
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