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मध्यप्रदेश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, कोरोना के खिलाफ काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग

-जनज्वार, मध्य प्रदेश में कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में कोरोना से बचाव के लिए तय किए गए सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य मापदंडों का पालन करते हुए प्रदर्शन किया। राजधानी सहित जिला मुख्यालयों पर हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष ओ.पी. कटियार एवं लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया, ‘अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर गुरुवार को महंगाई...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों के नाम लिखी चिट्ठी पढ़िए

आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतन्त्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने...

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पथ का साथी: लौट रहे प्रवासी गांव में क्या करेंगे, मनरेगा कितना देगा साथ?

-डाउन टू अर्थ,  डाउन टू अर्थ हिंदी के रिपोर्टर विवेक मिश्रा 16 मई 2020 से प्रवासी मजदूरों के साथ ही पैदल चल रहे हैं। उन्होंने इस दौरान भयावह हकीकत को जाना और समझा। वे गांव की ओर जा रहे या पहुंच चुके प्रवासियों की पीड़ा जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे कभी अब शहर की ओर रुख करने की हिम्मत भविष्य में जुटा पाएंगे? उनके इस सफर को...

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लोन देने में हिचक रहे हैँ बैंक

-इंडिया टूडे, रिजर्व बैंक के निर्देश के बाद उद्यमियों को बैंकों से बिना सिक्योरिटी ऋण की सुविधा मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उद्यमियों का आरोप है कि बैंक अपने रिकार्ड बचाने के लिए ऋण देने के नियमों को नहीं मान रहे हैं. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व यूपी प्रेसीडेंड सुनील वत्स कहते हैं “आरबीआइ के निर्देशों के मुताबिक बैंकों को बिना गारंटी ऋण देने या सीसी लिमिट...

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“नोटबंदी में जुड़वा बच्चे खत्म हो गए हम आस लगाए हैं इस बंदी में हमारा यह बच्चा बच जाए"

-न्यूजक्लिक,  "हमारे चार बच्चे खत्म हो चुके हैं। नोटबंदी में जुड़वा बच्चे खत्म हो गए। हम आस लगाए हैं इस बंदी में हमारा यह बच्चा बच जाए" ये शब्द कामगार श्यामजी उपाध्याय के हैं। श्यामजी इलाहाबाद से तीस किलोमीटर दूर फूलपुर में इलेक्ट्रिशन का काम करते हैं। लॉकडाउन में दो महीने से काम बंद है, श्याम जी के पास न खाने के पैसे हैं न ही कमरे का किराया देने के लिए।...

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