-गांव कनेक्शन, लॉकडाउन के दौरान किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए दो जून 2020 को धान समेत 14 खरीफ फसलों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में बढ़ोतरी की घोषणा की। खरीफ फसलों में सबसे ज्यादा बुवाई धान की होती है। सरकार ने धान की एमएसपी 53 रुपए की बढ़ोतरी की है और उसके बाद से अब तक डीजल की कीमत प्रति...
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अगर पीएम केयर्स फंड आरटीआई या सीएजी के दायरे में नहीं आता तो उसे ऐसा बनाया क्यों गया है?
-सत्याग्रह, बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 41 कोयला खदानों के व्यावसायिक खनन के लिए डिजिटल नीलामी प्रक्रिया शुरू की. इस कवायद को उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर होने की दिशा में बड़ा क़दम बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरानी सरकारों में पारदर्शिता की बड़ी समस्या थी जिसकी वजह से कोल सेक्टर में बड़े-बड़े घोटाले देखने को मिले, लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है. पारदर्शिता उन कई...
More »पेट्रोल से भी महंगा हुआ डीजल, खेत की जुताई से लेकर बुआई तक का बढ़ेगा खर्च
-आउटलुक, देश में लगातार 18वें दिन तेल के दाम बढ़े। पहली बार ऐसा हुआ जब दिल्ली में डीजल की कीमत पेट्रोल को पार कर गई। सरकारी तेल कंपनियों ने ईंधन की कीमते बढ़ाईं तो दिल्ली में पेट्रोल की कीमत तो मंगलवार के बराबर यानी 79.76 रुपये पर टिकी रही, डीजल की कीमत 79.40 रुपये से बढ़कर 79.88 पैसे प्रति लीटर हो गई जो कल के मुकाबले 48 पैसे महंगा है। डीजल...
More »कोविड-19 संकट के बीच सेक्स वर्करों ने की कल्याण योजनाओं में शामिल करने की मांग
-कारवां, मई के मध्य में दिल्ली के जीबी रोड इलाके में रहने वाले हजारों सेक्स वर्करोंं ने कोविड-19 संकट के दौरान, बेरोजगार और गरीब लोगों के लिए भोजन प्रदान करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं से सहायता मांगी. कुछ सेक्स वर्करोंं ने मुझे बताया कि वे अपनी आजीविका को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि आने वाले महीनों में यह महामारी उनकी आय को प्रभावित करेगी. एक सेक्स वर्कर ने अपना नाम न छापने...
More »कोविड ने महिलाओं को दशकों पीछे धकेला, उनको मदद दिए बिना भारत ‘आत्मनिर्भर’ नहीं बन सकता
-द प्रिंट, भारत में कोरोनावायरस संकट के कारण लागू किए गए लॉकडाउन ने महिलाओं को दशकों पीछे धकेल दिया है. इनमें से ज्यादातर का जीवन कुछ वैसा ही हो गया है जैसा कभी उनकी दादी-नानी का था. वो दिन का ज्यादातर हिस्सा खाना-पकाने, साफ-सफाई करने और घर-परिवार को संभालने में बिता रही हैं. और जो घर से काम कर रही हैं, अगर उनके पास अब भी नौकरी बची है तो, वो...
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