पिछले कुछ समय में बिहार में नक्सली हिंसा कम हुई है लेकिन नक्सल प्रभावित इलाके बढ़े हैं. इस बार नक्सलियों द्वारा बहिष्कार की घोषणा के बावजूद विधान सभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है. इसे नक्सलियों के घटते असर के रूप में देखा जाए या उनकी बदली रणनीति के तौर पर, बता रहे हैं निराला एनएच टू यानी जीटी रोड पर है डोभी. डोभी से ही गया-बोधगया जाने के लिए...
More »SEARCH RESULT
भू-अधिग्रहण बिल में जीविका का सवाल?
क्या सरकार आजीविका से वंचित होने वाले गरीबों की परेशानियों का ख्याल किए बगैर एक नया भू-अधग्रहण बिल लाने की तैयारी में है।जन-आंदोलनों और सामाजिक रुप से सक्रिय कई समूहों का आरोप है कि हरियाणा में पैसा दो-जमीन लो का जो मॉडल आजमाया जा रहा है या फिर मायावती सरकार जमीन पर कब्जे के लिए जो तरीके अख्तियार कर रही है वह भी अपनी जगह-जमीन से बगैर मुआवजा या पुनर्वास के उजड़ने वाले लोगों के...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »वेदांता को आई लव यू-- नीरज, रायपुर से
छत्तीसगढ़ में तकरीबन 50 मजदूरों को अपनी चिमनी में दबा कर मार डालने के आरोपों का सामना कर रही वेदांता के साथ राज्य के कई मंत्रियों का प्रेम चरम पर है. यह अलग बात है कि दुनिया के कई देशों में बदनाम वेदांता के खिलाफ एमनेस्टी इंटरनेशल जैसी संस्थाओं ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं. केंद्र सरकार की कमेटियां भी मानती हैं कि लंदन की इस विदेशी कंपनी वेदांता का...
More »सोशल ऑडिट
खास बात • साल १९९३ के ७३ वें संविधान संशोधन के अनुसार सोशल ऑडिट करना अनिवार्य है। इसके माध्यम से ग्रामीण समुदाय को अधिकार दिया गया है कि वे अपने इलाके में सभी विकास कार्यों का सोशल ऑडिट करें। इस काम में अधिकारियों को ग्राम-समुदाय का सहयोग करना अनिवार्य माना गया है।* • साल १९९२-९३ के संविधान संशोधन द्वारा स्थानीय स्वशासन के अन्तर्गत व्यवस्था की गई कि ग्राम सभा और म्युनिस्पल निकायों...
More »