वैसे तो यह पूर्णिया जिले के सुदूरवर्ती गांव चंदरही की एक बच्ची और उसके परिवार की कथा है, मगर इस कथा में झांकेंगे तो बिहार के नौ लाख गंभीर रूप से अतिकुपोषित बच्चों के पारिवारिक जीवन की झलक मिलेगी. यहां एक मां है, जिसकी 12 साल की उम्र में शादी हो गयी. परिवार नियोजन के उपायों का पता नहीं था, सो 11 बच्चे हो गये. उनमें से पांच बेहतर स्वास्थ्य...
More »SEARCH RESULT
ताकि हर बच्चे को मिले अच्छी शिक्षा-- हरिवंश चतुर्वेदी
संख्या के आधार पर देखा जाए, तो दुनिया में भारत की स्कूली शिक्षा-व्यवस्था चीन के बाद दूसरे स्थान पर होगी। देश के15 लाख स्कूलों में 26 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इन 15 लाख स्कूलों में 11 लाख सरकारी और चार लाख प्राइवेट स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों की संख्या 85 लाख है, जिनमें से 47 लाख अध्यापक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। हर वर्ष सालाना परीक्षाओं में जब...
More »झारखंड के सिर्फ 37.7 फीसदी घरों में शौचालय
रांची: राज्य के कुल 80 लाख घरों में से सिर्फ 37.7 फीसदी घरों में ही शौचालय है. इनमें भी ज्यादातर शौचालय शहरी व कस्बाई इलाके में ही हैं. स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय बनाया जाना है. इस दिशा में कार्य जारी है. अभी हाल ही में विभिन्न जिलों की 55 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है. रांची जिले का हहाप पंचायत खुले...
More »कहां बैठेगी पंचायत, कहां पर लगेगी ग्राम कचहरी
पटना : राज्य में पंचायत चुनाव के बाद गांव की सरकारों का गठन होनेवाला है. 30 जून के बाद ग्रामसभा और पंचायतों की बैठकें कहां होंगी. ग्रामसभा कहां बुलायी जायेगी. कचहरी किस स्थान पर लगेगी. राज्य में 8391 ग्राम पंचायत व ग्राम कचहरी अब प्रभावी हो जायेंगी. अब तक 10% पंचायतों के पास भी पंचायत सरकार भवन नहीं हैं. राज्य सरकार ने 2012-13 से पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की...
More »इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट--- 'वंचित भारत की एक तस्वीर'
क्या कभी आपने सोचा कि देश के शहरों में झुग्गी बस्तियां कितनी हैं, उनमें रहने वाले कौन हैं और झुग्गी-बस्तियों में इनका रहना जीना कैसा है ?अगर नहीं, तो नीचे लिखे तथ्यों पर गौर कीजिए! देश में तकरीबन साढ़े तैंतीस हजार झुग्गी-बस्तियों होने के अनुमान हैं, महज एक दशक यानी 2001 से 2011 के बीच झुग्गी-बस्तियों में दलित आबादी में 31 फीसद का इजाफा हुआ है. कुछ राज्यों की झुग्गी-बस्तियों की...
More »