-इंडिया टूडे, दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों की जांच ने इस सप्ताह नया मोड़ ले लिया जब दिल्ली सरकार और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की तथ्यान्वेषी रिपोर्ट, में दिल्ली पुलिस पर जांच में 'पक्षपात' और हिंसा में 'लिप्तता' का आरोप लगाया. रिपोर्ट को नौ सदस्यों के पैनल ने तैयार किया है जिसका नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के वकील एम.आर. शमशाद कर रहे थे. यह दंगों पर अधिकृत किसी एजेंसी की...
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अनुच्छेद 370 को उसी ढांचे में लाना राजनीतिक निर्णय से हो सकता, न्यायिक से नहीं: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती
-आउटलुक, पिपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती कश्मीर से जुड़े मुद्दों को लेकर मुखर रही हैं। मां महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल करते हुए इल्तिजा ने कश्मीर पर लिए गए फैसलों को लेकर कई बार भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है। आउटलुक के नसीर गनई के साथ बातचीत में इल्तिजा का कहना है कि उन्हें...
More »प्रवासियों के लिए उठाए गए कदम को सुप्रीम कोर्ट को बताने में विफल रहे 28 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश
-द प्रिंट, 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 45 दिन पहले शीर्ष अदालत द्वारा निर्देशित तीन मौजूदा सामाजिक सुरक्षा कानूनों के तहत प्रवासी श्रमिकों के लिए उठाए गए कदमों के विवरण सर्वोच्च न्यायालय को देने में विफल रहे हैं. यह 31 जुलाई को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा प्रवासी श्रमिकों की दुर्दशा पर दर्ज स्वतः संज्ञान मामले पर दायर एक निहितार्थ आवेदन की सुनवाई के दौरान सामने आया था. एनएचआरसी ने यह इंगित...
More »क्यों प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई कई पूर्व जजों को भी सही नहीं लगती है
-सत्याग्रह, किस्सा 1987 का है. पीटर राइट की आत्मकथा ‘स्पाइकैचर: द कैंडिड ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ सीनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर’ ने छपते ही धूम मचा दी थी. राइट ब्रिटेन की खुफिया सेवा एमआई5 के पूर्व सहायक निदेशक थे. ऑस्ट्रेलिया में छपी उनकी इस आत्मकथा में स्वेज संकट के समय एमआई5 द्वारा मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्दुल नासिर की हत्या की साजिश जैसे कई सनसनीखेज दावे किए गए थे. स्वाभाविक ही था कि इंग्लैंड...
More »हिंदी पट्टी का रक्त-चरित्र; पिछले चार दशकों में ऐसे पनपी बाहुबली संस्कृति
-आउटलुक, “हिंदी प्रदेशों और खासकर सियासी तौर पर सबसे अहम उत्तर प्रदेश के सामाजिक-राजनैतिक तानेबाने में पिरोयी गैंगस्टर और बाहुबली संस्कृति पिछले चार दशकों में राजनीति के तौर-तरीकों का नतीजा” यकीनन अपने रंग-ढंग और सामाजिक परिस्थितियों में पुराने दौर के बागी डकैतों और आज के गैंगस्टर या डॉन वगैरह का चाल, चरित्र सब कुछ एकदम अलग है। लेकिन दोनों की जुबान पर आज भी वही गर्व से फबता है, जो सबसे लोकप्रिय...
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