नृत्त्वशास्त्र की अध्येता जॉन पी मेंशे से की गई यह भेटवार्ता फ्रंटलाइन से साभार ली गई है। प्रोफेसर जोन पी मेंशे नृत्तत्वशास्त्र की अध्येता हैं। उन्होंने बरसों तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑव न्यूयार्क के ग्रेजुएट सेंटर और इसी यूनिवर्सिटी के लेहमान कॉलेज में अपने विषय का अध्यापन किया है। प्रोफेसर मोंशे सेकेंड चांस फाऊंडेशन नामक एक नॉट फॉर प्राफिट संस्था की अध्यक्ष भी हैं। यह संस्था भारत और संयुक्त राज्य...
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छ्त्तीसगढ़ में एक गांधीवादी की शांति की पहल
जनआंदोलनों और नागरिक संगठनों के राष्ट्रीय गठबंधन एनएपीएम ने प्रसिद्ध गांधीवादी हिमांशु कुमार के छत्तीसगढ़ में शांति और सुशासन स्थापित करने की मांग के प्रति अपना पूर्ण समर्थन जताया है। श्री कुमार वनवासी चेतना आश्रम से संबद्ध हैं। गौरतलब है कि श्री हिमांशु कुमार छ्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा इलाके में गुजरे 26 दिसंबर से अनियतकालीन उपवास पर हैं। उन्होंने यह उपवास माओवादियों पर सरकार द्वारा नये सिरे से कार्रवाई करने की खबरों...
More »ऋण वितरण का ढांचा सुधरेगा : मुकेश
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : सहकारी ऋणों की समय पर वसूली करने के उद्देश्य से अब अल्पकालीन सहकारी साख ढांचे को सुधारा जाएगा। इसके लिए विभाग ने सहकारी बैंकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समिति स्तर पर ऋणी सदस्यों की किश्तबंदी बनाने के साथ ही सदस्य स्तर पर वसूली की समीक्षा की है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार मुकेश शर्मा ने बताया कि सहकारी ऋणों की वसूली में सहकारी बैंकों द्वारा ठोस प्रयास नहीं किए जाने के...
More »महंगाई की आंच और तेज
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आलू, प्याज व दालों के चढ़ते दाम से महंगाई का पारा लगातार चढ़ रहा है। खाने-पीने की चीजों में तेजी से 5 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 19.95 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पूर्व सप्ताह में यह दर 19.05 प्रतिशत थी। गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मौजूदा वर्ष के इस सप्ताह में आलू की कीमतों में 136, सब्जियों...
More »बनी रहती है सेब में लाली व चाय में हरियाली
मुजफ्फरपुर रासायनिक खाद के उपयोग से पीछे हट रहे किसानों को भले ही जैविक उर्वरक से की गयी खेती रास न आ रही हो,पर मुजफ्फरपुर में निर्मित जैविक खाद से भारत के कई राज्यों के संतरे, चाय व सेब के बागों में हरियाली बनी रहती है.दूसरे राज्यों में खाद की आपूर्तिमिट्टी के लिए हानिरहित होने के कारण केवल चाय, सेब व संतरे की फसलों में ही नहीं, बल्कि औषधीय फ़ार्मो में भी इसका व्यापक पैमाने...
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