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अवैध खनन का ‘राज’स्थान- शिरीष खरे(तहलका) की रिपोर्ट

पिछले साल सर्वोच्च न्यायालय के सामने राजस्थान सरकार ने दावा किया था कि अरावली की पहाड़ियों में खनन पूरी तरह बंद है. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी के मुहाने पर बसे सीकर जिले की तस्वीर ही इस दावे की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है. शिरीष खरे की रिपोर्ट राजस्थान की राजधानी जयपुर को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-8 के साथ ऊंट के आकार-सी उठती-बैठती अरावली पर्वत श्रृंखला...

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सरकारी स्कूलों में पैदा होते हैं नक्सलीः रविशंकर

जयपुरः सरकारी स्कूलों को नक्सल और हिंसा की फैक्ट्री बताने वाले श्रीश्री रविशंकर के बयान के बाद बवाल मच गया है. आज श्रीश्री रविशंकर की जुबान ऐसी फिसली कि देश के सभी सरकारी स्कूलों पर ही सवाल खड़े कर दिए. ना कोई प्रमाण, ना कोई सर्वे, कोई कहने वाला नहीं, तो सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर ही खड़े कर दिए सवाल. आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के अनुसार सरकारी स्कूलों...

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सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम बाल-कुपोषण मिटाने के लिए जरुरी - सेव द चिल्डेन की नई रिपोर्ट

एक ऐसे समय में जब अर्थजगत में बुद्धिमानी का पर्याय यह बन चला है कि अर्थसत्ता के खेल के लिए मैदान खुला छोड़ दिया जाय और सामाजिक-क्षेत्र पर होने वाले खर्चों में कटौती की जाय, एक रिपोर्ट का कहना है कि भुखमरी और खासतौर से बाल-कुपोषण मिटाने की दिशा में प्रयास करना अपने आप में बुद्धिमानी का काम है। रिपोर्ट में यूपीए सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार किए जाने वाले...

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न्यायालय ने केंद्र , राज्यों से 1.17 लाख ‘लापता’ बच्चों के मुद्दे पर जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 16 मार्च (एजेंसी) उच्चतम न्यायालय ने आज उस याचिका पर केंद्र , राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से जवाब मांगा जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2008 और 2011 के बीच एक लाख से अधिक बच्चे अपने घरों से रहस्यमय ढंग से लापता हो गए । न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एसएस निज्जर की पीठ ने गैर सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की जनहित याचिका पर अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती...

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लाल ईंटों की दीवार के परे : हर्ष मंदर

भारत के सबसे बेहतरीन बिजनेस स्कूलों में से एक आईआईएम अहमदाबाद के विशाल छायादार कैम्पस में लाल ईंटों की एक दीवार है। इस दीवार के दूसरी तरफ अनेक बेसहारा लोगों का बसेरा है। इनमें कचरा बीनने वाले, निर्माण श्रमिक और भिखारी शामिल हैं। मेरे एक छात्र ने इस विडंबना को रेखांकित करते हुए कहा था कि महज सौ मीटर के फासले पर दो अलग-अलग दुनियाएं बसी हैं। एक दुनिया वह है, जहां...

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