दो जून भर पेट भोजन ना जुटा पाने वालों की तादाद दुनिया में इस साल एक अरब २० लाख तक पहुंच गई है और ऐसा हुआ है विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट(२००७-०८) के साथ-साथ साल २००७-०८ में व्यापे आहार और ईंधन के विश्वव्यापी संकट के मिले जुले प्रभावों के कारण। यह खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र संघ की इकाई फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट ने । द...
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बढ़ रही है भारत में भुखमरी के शिकार लोगों की तादाद- एक्शन एड
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक नई रिपोर्ट में भुखमरी के खात्मे के लिए पर्याप्त प्रयास ना करने के लिए भारत सरकार की आलोचना की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में भुखमरी का कारण खाद्यान्न के उत्पादन में कमी नहीं बल्कि गरीबों की क्रय क्षमता में कमी का आना है। एक्शन एड द्वारा जारी हू इज रियली फाइटिंग हंगर नाम की इस रिपोर्ट(देखें नीचे दी गई लिंक) में...
More »गुजरात की तर्ज पर बनेगी नई औद्योगिक नीति: रमन
रायपुर. छत्तीसगढ़ में अब नए उद्योग धंधे लगाने के इच्छुक उद्योगपतियों को महीनों-सालों तक मंत्रालय के दफ्तरों में नहीं भटकना पड़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सोमवार को एक निजी होटल में राज्य की नई उद्योग नीति के स्वरूप से उद्योगपतियों से रूबरू हुए। डा. सिंह ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया है कि राज्य में नए उद्योग लगाने के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया में शासन और प्रशासन की ओर से...
More »निर्णायक कार्रवाई, निशाने पर आदिवासी!
नई दिल्ली [इरा झा]। नक्सलियों पर निर्णायक कार्रवाई को लेकर सरकार इस बार गंभीर नजर आ रही है, मगर उसकी तैयारी अब भी अधूरी ही दिखाई पड़ रही है। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के लगातार आ रहे बयानों से ऐसा लगता है कि अब कभी भी नक्सल पीड़ित सात राज्यों में उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस बीच ऐसे विज्ञापनों के दौर भी चल रहे हैं, जिनसे...
More »उत्तराखंड की बांध परियोजनाएं-किसको क्या मिला?
नये राज्यों के गठन के पीछे एक तर्क उनके आर्थिक विकास का दिया जाता है। छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ-साथ उत्तराखंड का गठन नये राज्य के रुप में हुआ तो जातीय पहचान के साथ-साथ इन राज्यों के आर्थिक विकास का भी तर्क दिया गया था। उत्तराखंड को अस्तित्व में आये अब तकरीबन नौ साल पूरे हो रहे हैं। चिपको आंदोलन समेत कई जनआंदोलनों की जन्मभूमि रहे उत्तराखंड में फिलहाल बांध...
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