वर्ष 2005 से 2010 के बीच देश की अर्थव्यवस्था 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी। अरबपतियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही थी। फिर भी जनता में असंतोष था, जिसका परिणाम संप्रग सरकार को 2014 के चुनाव में झेलना पड़ा। मोदी सरकार के सामने 2015 की चुनौती विकास को आम जनता तक पहुंचाने की है। हमारी वर्तमान विकास दर 5 से 6 प्रतिशत के बीच है।...
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बीमा विदेशीकरण की बेचैनी क्यों- अरविन्द मोहन
संसद का सत्र खत्म होते ही कई मामलों में अध्यादेश लाना केंद्र सरकार की बेचैनी को तो बताता ही है, हम सबसे इस बात की मांग भी करता है कि हम जानें कि हमारी सरकार किन सवालों पर इतना बेचैन होकर काम कर रही है। हमने देखा है कि देश भर में धर्म के नाम पर संघ परिवार से जुड़े लोगों और संगठनों ने जिस तरह से हंगामा मचाना शुरूकिया...
More »अनजान देश से शिक्षा का सबक
दक्षिण अफ्रीका के बीचोबीच, एक देश है लेसोथो. हम में से कई लोगों ने शायद इसका नाम भी न सुना हो. लगभग 30 हजार वर्ग किमी में फैले इस देश की जनसंख्या बमुश्किल 25 लाख है. लेकिन आज इस देश की यहां चर्चा इसलिए हो रही है कि इसने बच्चों की शिक्षा के लिए एक अनूठा तरीका अपनाया है. इस देश में मोबाइल फोन पर बच्चों का होमवर्क कराया जा...
More »अरविंद पानागढ़िया हो सकते हैं नीति आयोग के उपाध्यक्ष
नई दिल्ली। जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पानागढ़िया नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष हो सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ दिनों में आयोग के बाकी पदाधिकारियों के नामों को अंतिम रूप दे सकते हैं। योजना आयोग के खात्मे के बाद सामने आया यह नया आयोग हफ्ते भर के भीतर अपना कामकाज शुरू कर देगा। पानागढ़िया भी योजना आयोग के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्हें मोदी का समर्थक...
More »अरविंद पानागढ़िया हो सकते हैं नीति आयोग के उपाध्यक्ष
नई दिल्ली। जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पानागढ़िया नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष हो सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ दिनों में आयोग के बाकी पदाधिकारियों के नामों को अंतिम रूप दे सकते हैं। योजना आयोग के खात्मे के बाद सामने आया यह नया आयोग हफ्ते भर के भीतर अपना कामकाज शुरू कर देगा। पानागढ़िया भी योजना आयोग के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्हें मोदी का समर्थक...
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