नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरकारी क्षेत्र के बैंकों को मजबूत बनाने के लिए विश्व बैंक से आर्थिक मदद आगे भी मिलती रहेगी। पिछले वित्त वर्ष के दौरान विश्व बैंक ने भारत सरकार को इस काम के लिए दो अरब डालर [लगभग 9000 करोड़ रुपये] दिए थे। जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान एक अरब डालर [लगभग 4500 करोड़ रुपये] देने पर विचार किया जा रहा है। दरअसल, वर्ष 2008 की...
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कोसी आपदा राहत के लिए मिलेंगे 900 करोड़
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अगस्त 2008 में कोसी नदी में आई भयंकर बाढ़ के पीड़ितों को राहत देने की कोशिशें अब तक जारी हैं। विश्व बैंक की ओर से इस काम के लिए बिहार को 900 करोड़ रुपये [20 करोड़ डालर] की मदद देने पर विचार किया जा रहा है। संबंधित प्रस्ताव को विश्व बैंक के निदेशक मंडल की शीघ्र ही मंजूरी मिल सकती है। दरअसल, विश्व बैंक को पिछले...
More »नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए 3400 करोड़
नई दिल्ली। योजना आयोग नक्सल प्रभावित 34 जिलों में बिजली, पेय जल और सड़क जैसे बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 3,400 करोड़ रुपये की योजना को जल्द अंतिम रूप दे सकता है। प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के निर्देश के बाद नक्सल प्रभावित जिलों के लिए एकीकृत कार्य योजना तैयार की जा रही है। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि योजना को अगले सप्ताह अंतिम रूप दिया जा...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »खबरों का ग्रीनहंट! : अरुंधति राय
भारत सरकार एक ओर जब देश के गांवों में सेना और वायुसेना तैनात कर लोगों के संघर्ष को दबाने पर विचार कर रही है तो दूसरी ओर शहरों में कुछ विचित्र घटनाएं देखने में आ रही हैं। बीते 2 जून को मैंने मुंबई में कमेटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (सीपीडीआर) द्वारा आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया। अगले दिन तमाम अखबारों और टीवी चैनलों पर इसकी सही कवरेज हुई। इसी दिन...
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