देश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करनेवालों के बारे में योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों की कोई और उपयोगिता हो न हो, यह बदहाली के स्वीकार्य मापदंड नहीं हो सकते. जिस देश में करीब 46 फीसदी बच्चे कुपोषण से प्रभावित हों, जहां करीब 40 प्रतिशत परिवार पूर्णत: भूमिहीन या एक एकड़ से कम जमीन के मालिक हों, जहां 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का गुजारा असंगठित क्षेत्र में...
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छत्तीसगढ़ में दलहन व तिलहन उत्पादन बढऩे की उम्मीद
देश के दक्षिण पूर्वी भाग में इस साल मानसून की मेहरबानी किसानों के लिए राहत की बारिश लेकर आई है। छत्तीसगढ़ में इस साल मानसून आए डेढ़ महीने से ज्यादा समय बीत चुका है। मानसून की जल्द आमद के चलते राज्य में खरीफ की 66 फीसदी से अधिक बुवाई पूरी हो चुकी है। मौसम की इस रहमत को देखते हुए इस साल धान की बंपर फसल की उम्मीद की जा...
More »वैश्वीकरण बनाम आदिवासी- हरिराम मीणा
जनसत्ता 29 जुलाई, 2013: भूमंडलीकरण का यह वह दौर चल रहा है जब सारे प्राकृतिक संसाधनों का फटाफट और अंधाधुंध दोहन कर लिया जाए, हो सकता है फिर ऐसा सुनहरा अवसर इन कंपनियों को मिले या न मिले। नई आर्थिक नीति की चरम परिणति जन-विरोधी वैश्वीकरण के रूप में अब सामने आ रही है। बहुराष्ट्रीय निगमों, उनको मॉडल मानने वाले देशी पूंजीपतियों और प्राकृतिक संसाधनों की बंदरबांट में लगे राजनीतिकों,...
More »रीयल एस्टेट क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: रिपोर्ट
नयी दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रीयल एस्टेट का योगदान 2013 में 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है और इस क्षेत्र में 76 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है। संपत्ति के बारे में परामर्श देने वाली वैश्विक कंपनी सीबीआरई ने कहा, ‘‘भारतीय रीयल एस्टेट तथा निर्माण उद्योग अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है और देश के बुनियादी ढांचा के विकास में इसकी अहम भूमिका है। यह आर्थिक गतिविधियों...
More »भूमिहीन परिवार बनें जमीन के मालिक
वनाधिकार पट्टा योजना इस योजना के तहत सरकार वैसे आदिवासी परिवारों को बसने और जीवन यापन के लिए वनभूमि पर अधिकार का पट्टा देती है, जिस भूमि पर कोई आदिवासी परिवार लंबे समय से बसा हुआ हो. इस तरह की जमीन अहस्तांतरणीय और गैर व्यावसायिक होती है. यानी पट्टे पर मिली वन भूमि पर आदिवासी परिवार घर बना कर खुद रह सकता है और उस जमीन पर खुद के खाने लायक...
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