मंडी. पहाड़ के जंगल अब यहां की जनता के हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वनवासी वनाधिकार मान्यता कानून 2006 अन्य वनवासी समुदायों के लिए भी लागू कर दिया है। सरकार ने 27 मार्च को सरकारी आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में प्रदेश सरकार की ओर से 1 अप्रैल 2008 को ही इस कानून को लागू कर दिया गया था। अब अन्य...
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विज्ञान का लोकतांत्रिक चेहरा- वंदना शिवा
हाल ही में साइंस पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बताया था कि देश में विज्ञान के विकास के लिए दो तकनीकों पर ध्यान देना जरूरी है- पहला कृषि में जीई (जेनेटिक इंजीनियरिंग) बीज और फसल का उपयोग तथा दूसरा परमाणु ऊर्जा। दुर्भाग्य से, हमारी अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिए ये दोनों ही तकनीकें खतरनाक हैं। तब प्रधानमंत्री ने गैरसरकारी संगठनों पर भी उंगली उठाते हुए कहा...
More »क्यों बढ़ रहा है जल-संकट? -- बाबा मायाराम
पिछले कुछ सालों में मध्यप्रदेष समेत देष भर में पानी का संकट बढ़ा है। यह समस्या प्रकृति से ज्यादा मानव-निर्मित है। वर्षा की कमी के साथ, वनों की अवैध कटाई, पुराने तालाबों पर अतिक्रमण, गाद भरने से सरोवरों की भंडारण क्षमता में कमी, पानी की फिजूलखर्ची, नदी, जलाषयों का पानी औद्योगिक इकाईयों को देने व षहरों के प्रदूषित पानी को नदियों के प्रदूषण और भूजल को बेतहाषा दोहन से समस्या...
More »मिट्टी हमारा साथ छोड़ रही है -अनिल जोशी
जीवन के मूल संसाधनों को लेकर कही गई पुरानी कहावतें आज के परिप्रेक्ष्य में ज्यादा सही लगती हैं। मिट्टी भी उनमें से एक है। माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंदें मोय, इक दिन ऐसा आएगा मैं रौंदूगी तोय। यह दोहा आज सटीक बैठ रहा है। मिट्टी के मोल अब पुराने नहीं रहे। यह भी अन्य प्राकृतिक संसाधनों की तरह विलुप्त होती जा रही है। यह संकट बड़ा है, क्योंकि...
More »कृषि के विकास में आड़े आ रहा बैंक ऋण
बेतिया, प्रतिनिधि : जहां एक तरफ सरकार किसानों की तमाम सुविधाओं से परिपूर्ण कर उन्नत खेती करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है, ताकि किसान बेहतर से बेहतर खेती कर अपनी आर्थिक उन्नति कर सकें। लेकिन बैंकों द्वारा किसानों को ऋण देने में नकारात्मक रवैया किसान ही नहीं सभी वर्ग के लोगों के लिए एक अलग समस्या पैदा कर रही है। वित्तीय वर्ष 2011-12 के पिछले 11 माह के...
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