किसी कारोबारी द्वारा बैंकों का कर्ज चुकता न किये जाने से न सिर्फ बैंकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के नुकसान की भरपाई अंततः सरकारी खजाने से करनी पड़ती है. यह खजाना देश की सामूहिक आय, नागरिकों द्वारा दिये गये कर और बचत की राशि से बनता है. इसका मतलब यह है कि...
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छत्तीसगढ़ के अधिकतर बांधों में बचा है चौथाई पानी
रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के कई बांध सूख चुके हैं या कुछ सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। प्रदेश के सभी छोटे-बड़े बांधों में फिलहाल केवल 27 फीसदी पानी रह गया है। वहीं, विभिन्न जलाशयों से नहरों के जरिए गांवों में तालाबों को निस्तारी के लिए भरने पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से बांधों का जल स्तर तेजी से घट रहा है। यही हालात रहे तो आने वाले दिनों...
More »जीवन-मरण का वैश्विक प्रश्न--- निरंकार सिंह
जब ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा शुरू हुई थी, तब इस प्रकार के आकलन की वैज्ञानिकता पर काफी सवाल उठाए गए थे। लेकिन धीरे-धीरे वे सवाल खामोश होते गए। अब पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ने तथा इसके फलस्वरूप जलवायु संकट तीव्रतर होने की हकीकत पर मतभेद की गुंजाइश नहीं रह गई है। दुनिया भर के वैज्ञानिक अब यह अनुभव करने लगे हैं कि हम आधुनिक विकास के जिस रास्ते पर चल...
More »आ रही है टेक्नोलॉजी की आंधी!- संदीप मानुधने
हम सब विभिन्न टेक्नोलॉजी यंत्रों के साथ काफी अभ्यस्त हो चुके हैं. हमें अच्छा लगता है जब न्यूनतम प्रयास में अधिकतम आउटपुट हम निकाल पाते हैं. 1980-90 के दशकों में कार्यरत रहे प्रोफेशनल्स से पूछिए कि कितना पसीना केवल फोन लगाने एवं फैक्स प्राप्त करने में लग जाता था! काम को दरकिनार कर केवल संपर्क साधने में एवं दूसरों से दस्तावेज टाइप करवाने में (और प्रतिलिपियां बनवाने में) ही कितनी...
More »स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए गांव-गांव पिटवाएंगे डोंडी
शाजापुर। गर्मी की छुट्टियों में मध्यान्ह भोजन दिए जाने की योजना में बच्चों की लगातार कम संख्या चिंता का सबब बन गई है। हालत यह है कि स्कूलों में बच्चे कम संख्या में पहुंच रहे हैं। बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए अब गांव-गांव डोंडी पिटवाए जाने के साथ ही अन्य प्रयास भी किए जाएंगे। इस वर्ष जलस्रोतों के जल्दी दम तोड़ने के चलते जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका...
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