SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2055

विकास को उल्टी दिशा में न मो‌ड़ें- सुभाषिनी अली

पिछले हफ्ते दो रिपोर्टें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें कई वर्षों के बाद भारत के गरीबों, महिलाओं और बच्चों की स्थिति के बारे में कुछ ऐसे आंकड़े छपे, जिनसे कुछ आशा पैदा हुई। वर्षों से भारतीय बच्चों के बारे में यही सच्चाई बार-बार सामने आती थी, कि उनमें से तकरीबन आधे कुपोषण के शिकार हैं। यूनिसेफ और महिला व बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा किए गए एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 2005-07 में...

More »

तीन साल में शुद्ध हो सकती है यमुनाः जापान

नई दिल्ली। दिल्ली में गंदे नाले में तब्दील हो चुकी यमुना अगले तीन साल में निर्मल हो जाएगी। जापान ने अगले तीन सालों के भीतर यमुना को शुद्ध कर देने का दावा किया है। उसका कहना है कि यमुना का पानी लोगों के लिए तैरने लायक ही नहीं बल्कि पीने लायक भी हो जाएगा। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जीका) के मुखिया सिन्या एजिमा ने कहा कि यमुना में गिरने वाले नालों...

More »

गांधी, गांव और इश्तहार- चंदन श्रीवास्तव

बड़ा फर्क है गांधी और आंबेडकर की सोच में बसे गांव के बीच. गांधी के गांव में हिंसा है ही नहीं. गांधी की कल्पना में बसते गांव में भूमिहीन और भूस्वामी बिना झगड़े के रहते हैं. गांधी से किसी ने पूछा- बताइए, गांव के भूमिहीन और भूस्वामियों के बीच कैसे बराबरी स्थापित होगी? उनका जवाब था- भूस्वामी स्वयं ही अपनी भूमि पर दावा छोड़ भूमिहीनों की मदद के लिए आगे...

More »

श्रीनगर क्यों न हो पहली स्मार्ट सिटी- शंकर अय्यर

'अगर फिरदौस बरोए जमीन अस्त, हमी अस्तो, हमी अस्तो हमी अस्त।' कश्मीर को धरती का स्वर्ग बताते हुए महान शायर अमीर खुसरो ने कभी यह पंक्तियां कही थीं। मगर 2014 में भीषण बाढ़ की त्रासदी से अब तक न उबर सके कश्मीर की हालत कुछ और ही कहानी बयां करती है। सर्दियों के दस्तक देने के साथ यहां के बेघरबार, विद्यार्थी, छोटे व्यापारी और दूसरे तमाम लोग जिस तरह अपने अस्तित्व...

More »

विकास के कई मानकों में दुनिया से बहुत पीछे हैं हम

नितिन प्रधान, नई दिल्ली। आर्थिक विकास की ऊंची दर को लेकर भले ही हमारी उम्मीदें बहुत अधिक हों, लेकिन सामाजिक-आर्थिक विकास के मानकों में आज भी भारत की स्थिति बेहद खराब है। खासतौर पर पुरुषों के मुकाबले कामकाजी महिलाओं के अनुपात के मामले में हम दुनिया के कई छोटे देशों से भी पीछे हैं। लोगों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में तो भारत की स्थिति बेहद दयनीय है। वर्ल्ड इकोनॉमिक...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close