पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि देश में सामाजिक उथल-पुथल की स्थिति है. हर आदमी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. जगह-जगह सांप्रदायिक हिंसा दिखायी पड़ रही है. स्वतंत्रता के बाद पहली बार देश बंटा हुआ दिख रहा है. मानवीय विकास के पैमाने पर ही राज्य का विकास देखा जाता है. राज्य में मानवीय विकास की स्थिति दयनीय है. यही वजह है कि लोग...
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किसानी से डरने वाला समाज-- मृणाल पांडे
आज के भारत भाग्य विधाता मानें या नहीं, अन्न उत्पादन के मामले में भारत का आत्मनिर्भर बन जाना, बीसवीं सदी की सबसे बड़ी घटनाओं और हमारी राष्ट्रीय उपलब्धियों में से है. लेकिन, कम लोगों को याद होगा कि हरित क्रांति के जनक नॉर्मन बोरलॉग ने नोबेल पुरस्कार ग्रहण करते वक्त भाषण में दो बातें कही थीं. पहला, हरित क्रांति अमरता की बूंदें पी कर नहीं आयी. इसका भी किसी दिन...
More »अवसाद की फैलती महामारी-- आशुतोष चतुर्वेदी
आत्महत्या करने से बड़ा कोई अपराध नहीं है. हाल में तीन जाने-माने लोगों ने आत्महत्या की है. इसके अलावा ऐसी भी कई खबरें सामने आयीं कि 10वीं और 12वीं के नतीजों के बाद कुछ बच्चों ने भी आत्महत्या कर ली. जब-तब किसानों के भी आत्महत्या करने की खबरें आती रहती हैं. यह प्रवृत्ति गंभीर रूप धारण करती जा रही है. हाल में आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज ने इंदौर स्थित अपने...
More »भयावह जल संकट से जूझता देश
हमारे देश में उपलब्ध पानी का करीब ७० फीसदी हिस्सा दूषित है. पानी की गुणवत्ता के लिहाज से हम १२२ देशों में १२०वें स्थान पर हैं. नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में आगाह किया है कि वर्ष २०2० तक पानी की मांग उपलब्धता से दोगुनी हो जायेगी. साठ करोड़ लोग जल-संकट से सीधे प्रभावित हैं और एक दशक के बाद इस समस्या से सकल घरेलू उत्पादन में छह फीसदी की...
More »रेपो रेट बढ़ाये जाने के मायने-- डा. अश्विनी महाजन
अधिकतर अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों की अपेक्षाओं को गलत साबित करते हुए मौद्रिक नीति कमेटी ने 6 जून, 2018 को लगभग साढ़े चार साल के बाद ‘रेपो रेट' में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए उसे 6.25 प्रतिशत कर दिया. गौरतलब है कि दो साल पहले तक रेपो रेट के बारे में निर्णय रिजर्व बैंक गवर्नर ही किया करते थे. अभी यह निर्णय रिजर्व बैंक गवर्नर की अध्यक्षता में छह सदस्यों...
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