मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। लोगों की सेहत से खिलवाड़ का आरोप सिर्फ मैगी नूडल्स पर ही नहीं इसे मंजूरी देने और फिर प्रतिबंध लगाने वाली केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एजेंसी पर भी है। भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) पर कई और उत्पादों की मंजूरी में धांधली और भ्रष्टाचार के आरोप खुद इसके निदेशक रहे तीन अधिकारियों ने लगाए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भेजी अपनी शिकायत में...
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आरटीआइ की कुंद होती धार- चंदन श्रीवास्तव
सूचना के अधिकार को कानून बनानेवाले विधेयक पर राष्ट्रपति के दस्तखत 2005 में 15 जून को हुए थे, पर राज्यसभा ने इसे मंजूरी 12 मई को दे दी थी. चूंकि कानून इस मई महीने में अपने मौजूदा स्वरूप का दसवां साल पूरा कर रहा है, तो पूछा जाना चाहिए कि लोगों के हाथ इस कानून से कितने मजबूत हुए. इस कानून के अमल को लेकर मौजूदा केंद्र सरकार की गंभीरता का...
More »सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »महिला कामगारों की अनसुनी चीख- उपासना बेहार
घरेलू महिला कामगार श्रमिकों का एक ऐसा वर्ग है, जिसका शोषण आज भी जारी है। कहने को भले ही ये कामगार हों, लेकिन इन्हें नौकरानी ही माना जाता है। इनमें से कुछ अनेक घरों में कार्य करती हैं, तो कुछ एक ही घर में सीमित समय के लिए काम करती हैं, जबकि कुछ एक घर में पूर्णकालिक काम करती हैं। इन घरेलू महिला कामगारों के साथ तरह-तरह की क्रूरता, अत्याचार...
More »भूमंडलीकरण के दौर में मजदूर दिवस- कृष्ण प्रताप सिंह
भूमंडलीकरण व्यापने के बावजूद दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस सरकारी छुट्टी का दिन है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संस्थापक सदस्य भारत में ऐसा नहीं है! और तो और, इस देश में ऐसी कोई परंपरा भी नहीं बन पायी है, जिससे मजदूरों के संदेशों को दूसरी नहीं तो कम-से-कम उनकी अपनी जमातों तक पहुंचाया जा सके. ऐसे दुर्दिन में मजदूर दिवस पर कोई भी सार्थक बातचीत उसके सामान्य परिचय...
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