नई दिल्ली। आर्थिक सुधारों से जुड़े कई बिल संसद में फंसने और शेयर बाजार की अस्थिरता से परेशान सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के अन्य मोर्चों से कुछ राहत भरी खबर है। मोदी सरकार संतोष जाहिर कर सकती है कि उसके कार्यकाल के पहले वर्ष में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर शून्य से बढ़कर 2.8 फीसद हो गई है। यह बाजार और वोटरों की उम्मीदों से भले कम हो, लेकिन राजग...
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सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
More »हादसे के बाद ही क्यों जागते हैं हम? - मिहिर आर भट्ट
इसके पहले बहुत कम ऐसा हुआ है कि भूकंप की किसी एक घटना ने इतने सारे इलाकों में इतनी सारी दरारें खोलकर हमारे सामने रख दी हों। धरती में भी, और आपदाओं का सामना करने की हमारी तैयारियों में भी। इस भूकंप ने नेपाल और भारत के एक बड़े हिस्से को सही मायनों में अपनी धुरी पर से 'हिलाकर" रख दिया है। इस भूकंप के बाद हमारे सामने कई मसले आन...
More »अदूरदर्शी नीतियों से बदहाल किसान - रमेश दुबे
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर पर आयोजित रैली के दौरान एक किसान की खुदकुशी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि खेती-किसानी की बदहाली पर संजीदा होने के बजाय सभी पार्टियां सियासी रोटी सेंकने में जुट गई हैं। जहां 'आप" दिल्ली पुलिस के बहाने केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है, वहीं कुछ भाजपा विरोधी कह रहे हैं कि यदि राजस्थान...
More »चीनी पर सरकारी नियंत्रण चाहते हैं किसान, आयात शुल्क बढ़ाने के पक्ष में सरकार
नई दिल्ली। चीनी की कीमतों को स्थिर रखने के लिए किसान संगठन चीनी को सरकारी नियंत्रण में लाने की मांग कर रहे है वहीं सरकार आयात शुल्क में बढ़ोतरी की वकालत कर रही है। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान और गन्ना किसानों के प्रतिनिधियों की बुधवार को अहम बैठक हुई है, जिसमें खाद्य मंत्रालय ने जहां चीनी पर लगने वाले आयात शुल्क को 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने...
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