SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 313

‘सरकारें चाहती हैं कि संसाधनों पर जनता का कोई नियंत्रण न रहे’- मेधा पाटकर

सरदार सरोवर बांध का डूब क्षेत्र 214 किलोमीटर का है. इस परियोजना से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इससे विस्थापित होने वालों में 50 प्रतिशत आदिवासी और 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब और वंचित समुदायों के हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत जनशक्ति के आधार पर हुई है. अब तक जो हासिल हुआ वह लंबे मैदानी संघर्ष और कानूनी लड़ाइयों की वजह से संभव हुआ है. इस आंदोलन...

More »

इंजीनियर ने बताया था 30 लाख का खर्च, मजदूरों ने जुगाड़ से सुधार दी मशीन

टी सूर्या राव, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के नंदिनी माइंस में आईबीएम मशीन में खराबी आई तो बाहर से इंजीनियर को बुलाया गया। इंजीनियर ने मशीन सुधारने का खर्च लगभग 30 लाख रुपया बताया लेकिन माइंस के श्रमिकों ने अपनी मेहनत और सूझबूझ का परिचय देते हुए जुगाड़ से मशीन सुधार दी। श्रमिकों ने अपनी मेहनत और सूझबूझ से ऐसा कमाल किया कि मशीन सुधारने में एक भी रुपए खर्च...

More »

रांची में एंजियोग्राफी की फीस में इतना अंतर क्यों!

रांची : हृदय रोगियों की जांच के लिए राज्य के अस्पताल अलग-अलग फीस वसूल रहे हैं. मेदांता अब्दुर्र रज्जाक अंसारी वीवर्स अस्पताल में एंजियोग्राफी के लिए मरीजों से 14,000 रुपये लिये जाते हैं. ऑर्किड में आठ हजार और आलम फोर्टिस में मरीजों से 10 से 12 हजार फीस ली जाती है. वहीं, रिम्स में इसके लिए मरीजों से 6000 रुपये लिये जाते हैं. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि...

More »

देशभर में प्‍याज की कीमतों में लगी आग, हर मोर्चे पर सरकार लाचार-- अमलेश नंदन

देशभर में प्‍याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्‍याज के भाव खुदरा मंडियों में क्‍वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्‍याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्‍याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...

More »

किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार

जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close