“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट...
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पुरखों की जमीन दी, बदले में क्या मिला.. !!
राउरकेला स्टील प्लांट की स्थापना के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू और जयपाल सिंह मुण्डा आए थे और गांव वालों को समझा बुझा कर विकास के नाम पर जमीन ले लिया था. आज पचास सालों के बाद विस्थापितों के हालात भिखमंगों की तरह हो गई है. उन्ही विस्थापितों में से एक हैं लुसिया तिर्की जो मंदिरा डैम से उजाड़ दी गई. उनका कहना है कि जमीन का कागज अभी तक...
More »पेनकिलर..आर दे किलिंग यू?
दर्द जब हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो डाक्टर भी पेनकिलर के सेवन का सुझाव देते हैं। लेकिन जब उसी पेनकिलर का जरूरत से ज्यादा उपयोग होने लगे तो वो साइलेंट किलर का भी काम कर सकता है। पेनकिलर्स बनाने में नान-स्टेराइडल ऐंटी इनफ्लेमेट्री ड्रग्स जैसे मार्फिन और नान-नारकोटिक्स जैसे एसेटैमिनोफेन का प्रयोग होता है। जिसका अधिक मात्रा में सेवन न सिर्फ शारीरिक बिमारियों का कारण बनता है बल्कि इससे एडिक्शन भी हो सकता...
More »ग्रामीण डाक्टरी कोर्स का विरोध बेजा
पटना उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ग्रामीण डाक्टरी कोर्स शुरू करने का केंद्र सरकार का प्रयास सराहनीय है। कुछ डाक्टरों द्वारा किया जा रहा विरोध बेजा है। इससे किसी के भी हितों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि जानलेवा झोलाछाप डाक्टरों को जड़ से समाप्त करने व गांवों तक चिकित्सा सेवा के विस्तार के लिए केंद्र सरकार ने हाल ही में ग्रामीण डाक्टरी कोर्स (बीआरएमएस)...
More »तो सूख जाएंगे सेब के छह लाख पौधे
सलूणी : ग्लोबल वार्मिग के असर के चलते प्रतिदिन बढ़ रहे तापमान के कारण विकास खंड सलूणी के बागवानों को सेब की उपज को लेकर चिंता सताने लगी है। उपमंडल सलूणी के बागबानों को चिंता सता रही है कि जिस प्रकार ग्लोबल वार्मिग के असर के चलते विगत वर्ष सेब की उपज के लिए 7 डिग्री से नीचे का तापमान पूर्ण नहीं हो पाया था और सेब की पैदावार कम हुई थी। उसी प्रकार...
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