भारतीय पुलिस सेवा में तीन दशकों से अधिक के अपने सफर के दौरान मुझे जिस बात से सबसे अधिक आश्चर्य होता था, वह थी भारतीय जनता के मन मे पुलिस सुधारों को लेकर पसरी हुई उदासीनता। यह देखकर मन उदास हो जाता था कि जिस संस्था से औसत भारतीय नागरिक का सबसे अधिक वास्ता पड़ता है, उसे बेहतर बनाने के लिए किसी तरह का कोई आंदोलन नहीं होता। अधिक से...
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वीआइपी कल्चर और पुलिस -- विभूति नारायण राय
ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) ने अपने हालिया आंकड़ों में बताया है कि वर्तमान में हमारे देश में कुल 19.26 लाख पुलिसकर्मी हैं, जिनमें से 56,944 पुलिसकर्मियों को देशभर के कुल 20,828 वीआइपी व्यक्तियों की सुरक्षा में लगाया गया है और शेष पुलिसकर्मी देश के आम नागरिकों की सुरक्षा में तैनात हैं. इस आंकड़े के विस्तार में जाकर बीपीआरडी ने पाया कि जहां 663 आम नागरिकों की...
More »गौरी लंकेश मर्डर: विचारधारा बनाम गोली-- शेखर गुप्ता
गौरी लंकेश हत्याकांड के बारे में कई चीजें हैं। एक, वे शक्तिशाली वैचारिक नेता थीं। धुर वाम-उदार विचारधारा की निर्भीक तर्कवादी थीं। दो, नियमित रूप से उन्हें दी जाने वाली धमकियों के बाद भी साहस के साथ अपनी बात कहती थीं। तीन, जैसाकि ध्रुवीकृत वातावरण में होता है, उनसे सहमत होने वाले पूरे जुनून से उनके साथ थे। जो असहमत होते वे इस वैचारिक अखाड़े की दूसरी ओर से जवाब...
More »तीन तलाक पर अच्छा फैसला-- भूपेन्द्र यादव
तीन तलाक पर आये फैसले को किसी संस्था या धार्मिक परंपरा विशेष के खिलाफ न मानकर एक प्रगतिशील कदम के रूप में देखना चाहिए, जो समाज के साधारण एवं वंचित वर्ग के प्रति निष्पक्ष न्याय व्यवस्था का फैसला है. इस विषय पर मीडिया के सारे साधनों में बहस और चर्चा हुई है, जिसमें धार्मिक संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ साधारण जन और पीड़ित पक्षों ने भी बहस की है. यह...
More »लोकतंत्र और पूंजी के रिश्ते-- मृणाल पांडे
यह कोई राज नहीं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनाव प्रचार के दिनों से ही अपने धुर दक्षिणपंथी विचारों और उग्र समर्थकों की भीड़ को लेकर विवादों से घिरे रहे हैं. उनकी बेलगाम बयानबाजी को लेकर देश के उदारवादी लोगों और खुद व्हाॅइट हाउस के स्टाफ की बेचैनी अब बढ़ती जा रही है. हाल में वर्जीनिया प्रांत के शारलौट्सविल शहर में (गुलामी प्रथा तथा नस्लवाद के पक्षधरों के प्रतीक)...
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