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हरियाणा: जान जोखिम में डाल सीवर साफ करने वाले रोहतक के कर्मचारियों को नहीं मिलता तय वेतन

-न्यूजलॉन्ड्री, साल 1995 की बात है. हरियाणा का रोहतक शहर बाढ़ से बुरी तरह जूझ रहा था. पानी की निकासी के सारे रास्ते बंद होने के कारण लोगों के घरों में चार-चार फुट तक पानी भर गया था. बाढ़ के पानी में शहर का मल-मूत्र भी तैर रहा था, जिसके कारण पूरे शहर का जीवन नरकीय हो गया था. ऐसी स्थिति में शहर को इस संकट से बचाने का सारा दबाव...

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मानसून की भारी बारिश से डूबे खेत, कीटों के हमले बढ़े- खरीफ की फसल पर पड़ेगा बुरा असर

-द प्रिंट, प्रमुख खरीफ फसलों के रकबे में रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश के कारण सोयाबीन और दलहन के उत्पादन में गिरावट आई है. देशभर में इस सीजन में 6.6 प्रतिशत अधिक मानसूनी बारिश हुई है, जिसमें किसानों ने अपनी खरीफ फसलों को पिछले वर्ष की तुलना में 6.3 प्रतिशत अधिक रकबे में बोया था. अत्यधिक बारिश ने खेत में बाढ़ और जलजमाव की स्थिति ला दी और कीट-पतंगों...

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क्या हमें पता है कि बीते दो महीनों में हमारे यहां सांपों के काटने से 20 हजार लोग मर चुके हैं

-सत्याग्रह, कुछ बीमारियां तो मौसमी हैं जो खास समय और जलवायु में फैलती हैं. और कुछ कोविड-19 की तरह अचानक ही हमारे सामने आ जाती हैं. लेकिन क्या तमाम मौसमी बीमारियों और कोरोना महामारी के बीच किसी को इस बात की भी सुध है कि बीते दो महीनों में 20 हज़ार से ज्यादा लोग ‘सर्पदंश’ के शिकार होकर हमारे बीच नहीं हैं. पिछले पखवाड़े राजस्थान के बूंदी ज़िले की बालचंदपाड़ा तहसील में...

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कटाव से सुरक्षा की मांग पर नदी किनारे सत्याग्रह

-इंडिया वाटर पोर्टल, बिरजैन गांव के दर्जनों लोग पिछले हफ्ते भर से नदी किनारे सत्याग्रह पर बैठे हुए है. उनकी मांग है कि सरकार नदी के कटाव को रोकने का प्रयास कर उनके घर बचाए, वरना वे यूं ही बैठे रहेंगे और जलसमाधि ले लेंगे, बिरजैन गांव सहरसा जिले के नौहट्टा प्रखंड की सत्तौर पंचायत के अंतर्गत आती है. सत्तौर पंचायत में लगभग 3000 घर हैं. ये पंचायत बाढ़ प्रवण भी...

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मोदी सरकार के प्रोजेक्ट डॉल्फिन से पर्यटन नहीं बढ़ सकता क्योंकि गंगा की डॉल्फिन फिल्मी नहीं

-द प्रिंट, देश के नेतृत्व से व्यावहारिक विचार की आशा रहती है और वे महान विचार की जिद पर अड़े रहते हैं. एक कहानी सुनिए– दो दशक पहले की बात है. 1989 के दिसंबर की सर्दियां थीं. देश में कुछ महीनों वाले प्रधानमंत्रियों का दौर शुरू हो गया और उस समय जिम्मेदारी संभाल रहे थे राजा मांडा वीपी सिंह. उन्हें बताया गया कि पूर्ववर्ती राजीव गांधी ने गंगा में एक कछुआ सेंचुरी का...

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