अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...
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7.16 लाख बेटियों को नसीब नहीं शिक्षा
जयपुर. राजस्थान में 6 से 14 साल की 7.16 लाख बेटियों को प्राथमिक शिक्षा नसीब नहीं हो पा रही। इनमें 4.14 लाख बच्चियां तो एक बार भी स्कूल नहीं गईं, जबकि 3,02479 बच्चियां पढ़ाई छोड़कर मजदूरी सहित अन्य काम करने को मजबूर हैं। प्रारंभिक शिक्षा परिषद के चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे (सीटीएस) की इसी सप्ताह जारी रिपोर्ट ने राज्य में बेहतर शिक्षा के दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। शिक्षाविदों ने बेटियों...
More »ग्रामीण गरीबी रिपोर्ट 2011
जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...
More »इन करोड़ों बच्चों का पता कहां मिलेगा ---शिरीष खरे
2001 की जनगणना के ही अलग-अलग आकड़ों के जोड़-घटाव से एक अहम सवाल उभरता है. पहले आंकड़े के मुताबिक देश के 8 करोड़ 50 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते. दूसरे आंकड़े में 5 से14 साल उम्र के एक करोड़ 30 लाख बच्चे मजदूर हैं. अगर 8 करोड़ 50 लाख में से 1 करोड़ 30 लाख को घटा दें, तो सात करोड़ 20 लाख बचते हैं. यह उन बच्चों की संख्या है...
More »12 जिले सूखाग्रस्त घोषित
रांची। सूबे में वर्षा और बुआई की स्थिति के आकलन के बाद शासन ने बारह जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। मंगलवार को राज्य परामर्शी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूखग्रस्त जिलों में व्यापक स्तर पर राहत कार्य चलाने के निर्देश दिये गये हैं। राहत कार्यो पर होने वाला खर्च का वहन आपदा कोष करेगा। इस मद में 390 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। इसके अलावा होने वाले खर्च...
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