-बीबीसी, “पीपीई किट में काम करना , एक पॉलिथीन में पैक होकर काम करने जैसा है. आप ना कुछ खा सकते हो, ना बाथरूम जा सकते हो और इंफ़ेक्शन का ख़तरा अलग बना रहता है.” “माहवारी में पैड इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि वो बदल नहीं सकते इसलिए एडल्ट डायपर पहनना पड़ता है. यूटीआई से लेकर स्किन इंफ़ेक्शन तक से परेशान हैं.” दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में काम करने वाले...
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पहले खेती करतीं हैं, फिर उस फसल की प्रोसेसिंग घर पर कर मार्केटिंग भी करतीं हैं यह किसान!
-द बेटर इंडिया, इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि भारत के कृषि क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों से अधिक काम करतीं हैं। फिर भी हमारे यहाँ किसान शब्द को सदैव पुरुषों से ही जोड़ा गया है। लेकिन अब तस्वीर बदलने लगी है और सदियों से पुरुष-प्रधान रहे इस क्षेत्र में महिला किसान अपने हुनर से एक अनोखी और अनूठी पहचान बना रही हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अब...
More »“महामारी को सरकार ने महात्रासदी में बदला”
-आउटलुक, पहले चंद्रशेखर सरकार और फिर अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और फिर विदेश मंत्री जैसा अहम जिम्मा संभाल चुके 83 वर्षीय यशवंत सिन्हा 2014 के बाद से ही दलगत राजनीति से बाहर हैं लेकिन बतौर सार्वजनिक शख्सियत वे आज भी सक्रिय हैं। हाल में लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के खिलाफ उन्होंने राजघाट पर लगभग 11 घंटे का धरना और गिरफ्तारी दी। उनकी मांग है कि मजदूरों...
More »कोविड-19 के खिलाफ जंग में झारखंड की ढ़ाल बने सखी मंडल
-विलेज स्कवायर, कोविड-19 संक्रमण के इस दौर में हालात डराने वाले हो रहे हैं| गांव-शहर, सब मास्क के भीतर सिमटते जा रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग समाज का नया सच बन गया है, जिससे लोग अब दूरियां बनाने लगे हैं। मुसीबत की इस घड़ी में सरकारें कोरोना वायरस से सुरक्षा को लेकर, जी-जान से जुटी हैं| एक तरह से सभी अपने हौसलों से मिलजुल कर इस अंधेरे को छांटने की कोशिश में...
More »लाख दावों के बावजूद 45 डिग्री की झुलसाती गर्मी में रह रहे प्रवासी मजदूर
-न्यूजलॉन्ड्री, 17 मई, 2020 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, “दिल्ली में रह रहे प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी है. अगर वो दिल्ली में रहना चाहते हैं तो उनका पूरा ख़्याल रखेंगे और अगर वो अपने गांव लौटना चाहते हैं तो उनके लिए ट्रेन का इंतजाम कर रहे हैं. किसी भी हालत में उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ेंगे.” क्या दिल्ली सरकार...
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