सूखे से झुलस रहे बुंदेलखंड में स्थितियां और भयावह हो चली हैं। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो वक्त की रोटी के लिए ग्रामीण अपने पशु बेच रहे हैं। पशुओं के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, चारे पानी का जबरदस्त संकट है लिहाजा पशुपालक भारी मन से औने-पौने दामों में इनसे पीछा छुड़ा रहे हैं। कई गांव ऐसे भी हैं जहां के लोगों ने अपने...
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'प्रभु' से सवाल - 'जननी' की सेवा में 'जनक' को क्यों भूल गए...?
रेलवे से एक ख़बर आई है - अब 'जननी सेवा' के तहत चुनिंदा ट्रेनों और स्टेशनों पर बच्चों के लिए दूध, गर्म पानी, बेबी फूड वगैरह उपलब्ध कराया जाएगा... इस ख़बर को इस संदर्भ में देखा जा रहा है कि इससे छोटे बच्चों को साथ लेकर चलने वालों के लिए ट्रेन का सफर आसान हो जाएगा... ख़बर अच्छी है भी, लेकिन मेरे नज़रिये से 'प्रभु' के इस तोहफे में थोड़े-से...
More »सरकारी दावे की कार्यकर्ता ने खोली पोल, 4 ने पीया दूध, सभी की तबीतय बिगड़ी
बीजापुर। केतुलनार दूधकाण्ड में घटना के तीसरे दिन आंगनबाड़ी सहायिका ने खुलासा किया है कि घटना के दिन आंगनबाड़ी केंद्र में 10 बच्चों ने नहीं बल्कि सिर्फ चार बच्चों ने ही अमृत दूध पिया था जिनमें से दो की मौत हो गई। वहीं छह बच्चों ने चखने के बाद दूध को फेंक दिया था। पहले दिन यह बताया गया था कि 10 बच्चों ने दूध पिया था। गुरुवार को आंगनबाड़ी...
More »जानलेवा 'अमृत' को प्रशासन अब क्लीनचिट देने में जुटा
रायपुर (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ सरकार की अमृत योजना का दूध पीने के बाद केतुलनार में हुई दो बच्चियों की मौत के मामले में राजधानी से लेकर बीजापुर तक सरकारी अमला अब यह साबित करने में जुटा है कि दूध विषाक्त नहीं था। खामी निकाली जा रही है ग्रामीणों में, जो दूध पीकर बीमार पड़े बच्चों को अस्पताल की बजाय बैगा के पास ले गए। इधर राज्य सरकार ने जांच के जो बिंदु...
More »समझ, संकल्प और इच्छाशक्ति का अकाल : योगेन्द्र यादव
वो गांव गये थे..दावा है कि गांव-गांव यात्रा किये हैं..खेत-खेत, आरी-डरेड़ा सब जगह घूमें। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि देश सूखे से बेहाल और सरकार दो साल के जश्न में निहाल है। उनका दावा है कि अभी दिल दिमाग जाग्रत है माने नहीं सूखा..भले ही खेत सूख गये हों..किसान बदहाल हो..आत्महत्या कर रहा हो। जी हां मैं बात कर रहा हूं स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और उनके साथियों की...
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